लखनऊ, उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता: लखनऊ विश्वविद्यालय में अब छात्र पशु पक्षियों की बीमारियों के इलाज की भी पढ़ाई कर सकेंगे। कला, वाणिज्य और विज्ञान जैसे परंपरागत विषयों के बाद इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में अपनी धाक जमाने वाले विश्वविद्यालय में वेटरनरी साइंस में भी प्रवेश की तैयारी है। लखनऊ विश्वविद्यालय अपने यहां इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी साइंस की स्थापना करने जा रहा है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि वेटरनरी साइंस की उपयोगिता को देखते हुए एलयू ने यह फैसला किया है। प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि शोध के लिए संस्थान संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत विवि में नैनो साइंस, जेनेटिक्स के संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी साइंस की शुरुआत हो रही है। इसमें पशु-पक्षियों में होने वाली बीमारियों, इलाज पर आधारित बैचलर और परास्नातक पाठ्यक्रम के साथ ही पीएचडी भी कराई जाएगी। विश्वविद्यालय एनिमल हस्बैंडरी समेत कई लघु उद्योगों पर आधारित तकनीक भी उपलब्ध कराएगा।
पशुपालन की आधुनिक तकनीक की जानकारी: एलयू में इस संस्थान की स्थापना के साथ ही पशुपालन के वैज्ञानिक तरीकों पर भी काम किया जाएगा। गाय, बैल, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गी, हाथी, घोड़े और ऊंट जैसे उपयोगी पशुओं के पालन-पोषण की वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करके लोग लाभ उठा सकते हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र करेंगे वेटरनरी साइंस की पढ़ाई
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