नई दिल्ली, नगर संवाददाता: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला शुक्रवार से शुरू हो गया है। पूरी तरह से वर्चुअल संस्करण में आयोजित हो रहे इस मेले का उद्घाटन शुक्रवार को शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कहते हैं कि जो पढ़ता है वही आगे बढ़ता है। मेरा भी यह मानना है, जिसमें लिखने-पढ़ने और उसको अमल में लाने की क्षमता है, वह अच्छा लीडर हो सकता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा यह नीति लोकल को ग्लोबल स्तर पर ले जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2021 का वर्चुअल संस्करण एक स्वागत योग्य कदम है। यह पढ़ने की संस्कृति और किताबों के प्रकाशन से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। भाषा केवल शब्द नहीं होते वो विचार हैं, इसलिए मैं यह बताते हुए गर्व महसूस कर रहा हूं कि नई शिक्षा नीति और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ने क्षेत्रीय भाषाओं को आगे लाने का काम किया है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी जोड़ा कि शिक्षा बोझ नहीं है। बच्चे स्वयं अच्छी पुस्तकों की तलाश करते हैं और उन्हें पढ़ते हैं। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति 2020 की कार्यान्वयन नीति के तहत न्यास की तरफ से 17 द्विभाषी नई पुस्तकें भी लॉन्च कीं। ये किताबें नई शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों के लिए द्विभाषी संस्करणों की श्रृंखला के तहत द्विभाषी प्रारूप में प्रकाशित की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों के लिए उत्कृष्ट पठन सामग्री का निर्माण करना है ताकि उन्हें देश की बहुभाषी संस्कृति के अनुकूल बनाया जा सके।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो गोविंद प्रसाद शर्मा ने कहा कि इस वर्ष के विश्व पुस्तक मेला की थीम राष्ट्रीय शिक्षा नीति है जिसमें विभिन्न आयु-समूहों के लिए प्रकाशन के माध्यम से इसके कार्यान्वयन की गतिशीलता पर चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि यह नीति भारतीय मूल्यों पर एक मजबूत पकड़ रखते हुए दुनिया में एक अलग पहचान बनाने में मदद करेगी।