फतेहपुर, नगर संवाददाता: मवइया स्थित वृद्धाश्रम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के द्वितीय दिवस की कथा में आचार्य सुरेशानंद जी महाराज ने बताया कि किस प्रकार से श्री सूत जी महाराज से शौनकादिक ऋषियों ने छः प्रश्न किये। इन्ही छः प्रश्नों में सम्पूर्ण भाग वत जी का वर्णन है। कथा के मध्य में भगवान के चैबीस अवतार का वर्णन किया। साथ ही महाभारत के अंतर्गत भीष्म प्रसंग में प्रकाश डालते हुए बताया कि देश धर्म स्त्री के ऊपर अत्याचार होते मूकदर्शक बनकर बैठे रहे। भीष्म पितामह को इसी वजह से बाणों की सैया मिली और एक भक्त हुए राम चरित्र मानस में गीध राज जटायू ने माता सीता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। परिणाम स्वरूप गिद्ध राज जटायु को अंत समय मे भगवान की गोद की सैय्या मिली। इस अवसर पर प्रमुख यजमान विनोद कुमार श्रीवास्तव व उनकी धर्मपत्नी पूनम श्रीवास्तव, दिव्यांशी श्रीवास्तव, शिवम, अजय, विजय सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया। ततपश्चात सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
कथा के मध्य में भगवान के चैबीस अवतारों का किया वर्णन
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