नई दिल्ली, नगर संवाददाता: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली और उन सभी लोगों से टीका लगवाने की अपील की, जो दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत इसकी पात्रता रखते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पुडुचेरी की रहने वाली नर्स पी निवेदा ने मोदी को भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक लगाई।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने एम्स में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली। कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने बहुत कम समय में असाधारण काम किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन सभी लोगों से कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अपील करता हूं, जो इसके पात्र हैं। आइए, हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएं।’’
प्रधानमंत्री ने ट्वीट के साथ ही टीका लगवाते हुए अपनी एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह असमिया गमछा पहने दिख रहे हैं और मुस्कुराते हुए टीका लगवा रहे हैं। उनके साथ इस तस्वीर में निवेदा के अलावा केरल की रहने वाली एक अन्य नर्स रोसम्मा अनिल भी दिख रही हैं।
दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत, एक मार्च से वरिष्ठ नागरिकों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा।
टीकाकरण के लिए लोग कोविन टू-पाइंट जीरो पोर्टल या आरोग्य सेतु जैसे अन्य आई टी ऐप्लीकेशन पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के एम्स पहुंचने के दौरान किसी भी रास्ते को बंद नहीं किया गया और ना ही यातायात को रोका गया। लोगों को परेशानी न हो, इसलिए उन्होंने टीके के लिए सुबह का समय चुना।
नर्स निवेदा ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि टीका लगवाने के बाद प्रधानमंत्री ने उनसे कहा, ‘‘लगा भी दिया, पता भी नहीं चला।’’
उन्होंने बताया कि वह गत तीन साल से एम्स में कार्यरत हैं और इस समय टीकाकरण केंद्र में सेवाएं दे रही हैं।
निवेदा ने कहा, ‘‘हमे जानकारी मिली कि आज सुबह पीएम सर टीकाकरण के लिए आने वाले हैं। जब मैं यहां पहुंची तो मुझे पता चला कि सर (प्रधानमंत्री) आ रहे हैं। मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई।’’
नर्स ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक दी गई है और उन्हें 28 दिन में दूसरी खुराक दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हमसे पूछा कि वह कहां की रहने वाली हैं।’’
एक अन्य नर्स अनिल ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से मिलकर बहुत खुशी हुई।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ‘‘बहुत सहज’’ थे।
उल्लेखनीय है कि भारत के औषधि नियामक ने गत तीन जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी, जिससे देश में टीकाकरण अभियान का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने उस वक्त कहा था कि पहले चरण में कोरोना योद्धाओं और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को कोरोना का टीका लगेगा। उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस चरण में जनप्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाएगा।
आज कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद मोदी कोविड-19 का टीका लगवाने वाले विश्व के नेताओं में शुमार हो गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने जनवरी में कोविड-19 का टीका लगवाया था। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (94) और उनके पति प्रिंस फिलिप (99) को जनवरी में ही विंडसर में शाही घराने के एक चिकित्सक ने टीका लगाया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पद संभालने से पहले दिसंबर में ही टीका लगवा लिया था।
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी दिसंबर में कोरोना वायरस का टीका लगवाया था। पोप फ्रांसिस और उनके पूर्ववर्ती पोप बेनेडिक्ट ने भी कोरोना वायरस का टीका लगवाया था।
सऊदी अरब के शाह सलमान ने जनवरी में कोविड-19 का टीका लगवाया था। उनके बेटे और शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने भी दिसंबर में टीका लगवाया था।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दिसंबर में कोविड-19 का टीका लगवाया था।
दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मखतूम ने नवंबर में परीक्षण के तहत कोरोना वायरस का टीका लगवाया था।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन और सेशेल्स के राष्ट्रपति वैवेल रामकलावन ने जनवरी में कोरोना वायरस का टीका लगवाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एम्स में लगवाया कोविड-19 रोधी टीका
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