कमेटी के लीगल सेल ने गिरफ्तार व्यक्तियों के पारिवारिक सदस्यों से की मुलाकात

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने ऐलान किया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा 26 जनवरी के किसान आंदोलन के सबंध में जम्मू के गांधी नगर से गिरफ्तार किए गए प्रसिद्ध कीर्तनीए भाई महिन्द्र सिंह खालसा का केस दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी लड़ेगी और उन्हें जल्दी से जल्दी बाहर लाया जाएगा। यहां जारी किए एक बयान में स. सिरसा ने बताया कि भाई महिन्द्र सिंह खालसा को दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने जम्मू से गिरफ्तार किया है। भाई महिन्द्र सिंह जी 26 जनवरी को दिल्ली आए थे और किसान मोर्चे में शामिल थे जो लाल किले की तरफ गया था और उनकी गाड़ी सब से पीछे चल रही थी। इसके अलावा उनका कोई कसूर नहीं था। उन्होंने बताया कि भाई महिन्द्र सिंह खालसा जी किसानी संघर्ष के समर्थक हैं, यही पुलिस के मुताबिक उनका सब से बड़ा कसूर था। उन्होंने कहा कि हम स्वंय महिन्द्र सिंह खालसा जी को मिलने जा रहे हैं और हमारे वकील भी उन्हें मिलेंगे और जल्दी से जल्दी हम उन्हें बाहर लेकर आएंगे। उन्होंने जम्मू की संगत को विशेष तौर पर भरोसा दिलाया कि भाई महिन्द्र सिंह खालसा जी हमारे लिए भी आदरणीय हैं और हम स्वंय उनका केस लड़ेंगे और जल्दी से जल्दी बाहर लेकर आएंगे। इस दौरान आज दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के रकाबगंज साहिब परिसर स्थित दफ्तर में कमेटी की लीगल टीम ने किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए नौजवानों व किसानों के परिवारों के साथ मुलाकात की। टीम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि गिरफ्तार किए गए सभी 120 व्यक्तियों को रिहा करवाया जाएगा और इन्हें इनके केसों में दोष मुक्त करार दिलाया जाएगा। इनके सभी केस दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी स्वंय लड़ रही है तथा इसके लिए माता-पिता व अन्य पारिवारिक सदस्यों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस दौरान कल सोमवार को देर शाम दो अन्य व्यक्ति तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। स. सिरसा ने बताया कि रिहा हुए रवि कुमार व राजिंद्र सिंह का हिंसा से कोई संबध नहीं था। पुलिस ने इन्हें 160 के नोटिस यानि गवाह के तौर पर बुलाया और जेल में बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि पर्चे में कोई धारा नहीं छोड़ी और 307 से लेकर 10 साल तक की सजा वाली सभी धाराएं लगा रखी हैं। जज भी इन केसों की सुनवाई के दौरान हैरान हो रहे हैं कि किस प्रकार के दोष लगाए गए हैं जबकि ऐसा कुछ भी साबित नहीं हो रहा।

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