अदालत ने एनसीबी प्रमुख के खिलाफ अभियोजन के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक दंत चिकित्सक की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के प्रमुख राकेश अस्थाना के खिलाफ उनकी शिकायत पर केंद्र, केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई को जांच करने और आपराधिक मामला चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने याचिकाकर्ता डॉ. मोहित धवन पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। दंत चिकित्सक की तरफ से पेश हुए वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि यह राशि दो सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में जमा करनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी कारण उल्लेखित करने वाला विस्तृत आदेश अभी तक उपलब्ध नहीं है लेकिन अर्जी खारिज किये जाने का एक आधार यह था कि याचिका में कोई विशेषता नहीं थी। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की अदालत के समक्ष 12 फरवरी को मामला सूचीबद्ध हुआ था जिन्होंने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था और निर्देश दिया था कि इसे किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। चंडीगढ़ स्थित दंत चिकित्सक ने अस्थाना के खिलाफ अपने इन आरोपों के आधार पर आपराधिक अभियोजन के लिए पहले उच्चतम न्यायालय का रुख किया था कि एनसीबी अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर जबरन वसूली में लिप्त है। हालांकि, उन्होंने 8 फरवरी को शीर्ष अदालत से अपनी याचिका वापस ले ली थी और कहा था कि वह राहत के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। धवन ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने 2019 में अस्थाना के खिलाफ शिकायत की थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई 16 महीने से अधिक समय से शिकायत को दबा कर बैठे हैं और याचिकाकर्ता को कार्रवाई की स्थिति को लेकर अद्यतन नहीं कर रहे और इसलिए ऐसे सभी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाए।

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