दिल्ली को ‘दस गारंटी’ पर रहेगा इस बार बजट का फोकस

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: पिछले एक साल से कोरोना महामारी से निपटने में दिल्ली सरकार पर ज्यादा आर्थिक बोझ तो पड़ा ही है, साथ ही रेवेन्यू में भी अभी 42 फीसदी तक की कमी चल रही है। ऐसे में केजरीवाल सरकार के लिए इस बार का बजट तैयार करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

बजट में केजरीवाल सरकार की दस गारंटी पर तो खास फोकस होगा ही, साथ ही कोरोना से निपटने के लिए इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पहले से कहीं ज्यादा बजट होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में किए गए वादों को पूरा करने के लिए बजटीय प्रावधान होंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल दिल्ली की जनता को अगले पांच साल के लिए दस गारंटी दी थी, जिसमें 24 घंटे लगातार बिजली मुहैया करवाना, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर घर में 24 घंटे साफ पानी सप्लाई का बड़ा लक्ष्य भी रखा गया है। इस साल के अंत तक लोगों को हेल्थ कार्ड भी मिल जाएगा और यह योजना सरकार की बड़ी योजनाओं में से एक है।

उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आने वाले बजट में केजरीवाल सरकार की 10 गारंटी पर फोकस रहेगा और हेल्थ सेक्टर को भी ज्यादा बजट देना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी हमेशा से ही केजरीवाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहे हैं और इस बार भी इन सभी सेक्टरों को बेहतर से बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण हेल्थ सेक्टर को ज्यादा बजट की जरूरत होगी।

सिसोदिया ने कहा कि इस बार अभी तक दिल्ली सरकार को जो राजस्व मिला है, उसमें 42 फीसदी तक की कमी है। फरवरी-मार्च के राजस्व को देखें तो भी राजस्व को लेकर स्थिति बेहतर नहीं होगी। ऐसे में सरकार के सामने चुनौती है। लेकिन बिजली, पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा समेत दिल्ली की जनता को जो भी फायदे मिल रहे हैं, उन योजनाओं को जारी रखा जाएगा। हालांकि इस बार बजट में नई बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद कम है। सरकार ने दिल्ली की जनता के सामने जो गारंटी रखे हैं, उनको पूरा करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों में तेजी आएगी।

कई बड़ी योजनाओं के लिए मिलेगा पैसा
दिल्ली में इस साल कई बड़ी योजनाएं लागू होंगी और उनके लिए भी बजट में प्रावधान होंगे। मार्च से राशन की डोर स्टेप डिलिवरी शुरू होने जा रही है। झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को घर देने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। साल के अंत तक दिल्ली के हर नागरिक का अपना हेल्थ कार्ड होगा और लोग डॉक्टर से मिलने का समय ऑनलाइन ले सकेंगे। दिल्ली का 2020-21 का बजट 65000 करोड़ रुपये का था।

केजरीवाल सरकार ने बजट में हर बार बढ़ोतरी की है। इस बार भी 65 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट रहने की संभावना है। सरकार शिक्षा पर करीब 25 फीसदी तक खर्च कर रही है। नए सेशन में दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड भी होगा और इसकी घोषणा सरकार ने पिछले बजट के दौरान की थी। साथ ही, परिवहन के क्षेत्र में इस साल नई बसें आ रही है। सितंबर तक डीटीसी की एक हजार बसें आएंगी और 300 इलेक्ट्रिक-बसों के लिए भी सप्लाई ऑर्डर जल्द जारी होगा। ऐसे में इस सेक्टर के लिए भी बजट पर नजर रहेगी।

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