गाजियाबाद, नगर संवाददाता: कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर 28 नवंबर 2020 से चल रहे किसान आंदोलन में 27 जनवरी को बिजली काट दी गई और गुरुवार सुबह पानी की सप्लाई बंद कर दी गई। इसके अलावा निगम की ओर से आंदोलन स्थल पर लगाए गए शौचालय को प्रशासन की ओर से हटा लिया गया। इससे साफ जाहिर था कि अब शासन की मंशा के अनुरूप पुलिस-प्रशासन आंदोलन को ज्यादा टिकने नहीं देंगे। बिजली, पानी व शौचालय की सुविधा न मिलने से दिन भर आंदोलनरत किसान परेशान रहे।
गणतंत्र दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इसमें जमकर उपद्रव हुआ था। इसमें लाल किला समेत कई जगह पर काफी संख्या में पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। इसके बाद आंदोलन स्थल से किसानों का घरों को लौटना शुरू हो गया था। यह 27 जनवरी के अलावा 28 तक जारी रहा। इस बीच 27 जनवरी की रात पुलिस प्रशासन की ओर से मूलभूत सुविधाएं वापस लेनी शुरू कर दी गई। रात में बिजली काटने के साथ ही गुरुवार दिन में आंदोलन स्थल से पानी की आपूर्ति रोक दी गई और शौचालय तक हटा लिए गए। इससे यहां ठहरे किसान दिन भर पानी और शौचालय न होने से परेशान दिखाई दिए। वहीं, बिजली कट जाने से दूर-दराज से आए किसानों के मोबाइल चार्ज न होने के कारण बंद हो गए।