नोएडा, नगर संवाददाता: पोंजी स्कीम के जरिये ठगी की जांच में जबलपुर मध्य प्रदेश से आए दो सब इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मी केस के आरोपित से उगाही में लग गए थे। नोएडा पुलिस का दावा है कि मध्य प्रदेश पुलिस की टीम, आरोपित से अब तक अलग-अलग तरीके से 28 लाख रुपये से अधिक ले चुकी है। आरोपित के एक खाते से रकम निकलवाकर लेने के फिराक में थे। इसी दौरान आरोपित के दोस्त ने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर दारोगा से सर्विस पिस्टल लूट ली। मध्य प्रदेश पुलिस ने जब पिस्टल लूट की रिपोर्ट दर्ज कराई तो जांच में उगाही के पूरे घटनाक्रम का पर्दाफाश हो गया।
इसके बाद नोएडा पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस के तीनों पुलिसकर्मियों व पोंजी स्कीम से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान राशिद परवेज खान, पंकज साहू व आसिफ खान निवासी जबलपुर मध्य प्रदेश, सुर्यभान यादव व शशिकांत यादव निवासी आजमगढ़ के रूप में हुई। राशिद व पंकज मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं, जबकि आसिफ आरक्षी है। तीनों जबलपुर स्टेट साइबर सेल में तैनात हैं। इनके पास से मैकबुक व आठ मोबाइल बरामद हुआ है। सूर्यभान सेक्टर-12 में, जबकि शशिकांत गाजियाबाद के खोड़ा में रहता है। दोनों एमसीए पास हैं। पिस्टल लूट की जांच में खुली एमपी पुलिस की उगाही की पोल:
शुक्रवार को सेक्टर-18 में निजी बैंक के सामने मध्य प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर राशिद से पिस्टल लूट हुई थी। इस मामले में कोतवाली सेक्टर-20 में वरना कार सवार अज्ञात पांच-छह युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। छानबीन में पता लगा कि जिस शिकायत की जांच में सब इंस्पेक्टर नोएडा आए थे, उस मामले में आरोपित सूर्यभान से वह लोग तीन दिन से संपर्क में थे। वह लोग सूर्यभान के खाते को पहले फ्रीज भी करा चुके थे। उस खाते में 58 लाख रुपये थे। उसी खाते को डी-फ्रीज कराने के लिए उस दिन बैंक आ रहे थे। डी-फ्रीज कराकर खाते से रकम निकलवाकर साइबर टीम द्वारा कुछ रकम शिकायतकर्ता के खाते मे ट्रांसफर किए जाने व अन्य धनराशि साइबर टीम द्वारा अपने पास रखकर सूर्यभान को इस मामले में बचाने की प्लानिग थी। जब पुलिस ने सूर्यभान को पकड़कर पूछताछ की, तो पता लगा है कि जबलपुर पुलिस की टीम ने उन्हें फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी थी। इसके बाद 16 से 18 दिसंबर के बीच साइबर सेल जबलपुर की टीम ने अलग-अलग तरीके से 4 लाख 70 हजार रुपये ले चुकी है। सूर्यभान ने पुलिस को बताया कि बिट क्वाइन सहित अन्य माध्यम से करीब 24 लाख रुपये की धनराशि पोंजी स्कीम मामले में शिकायतकर्ता चंद्रकांत को ट्रांसफर किया गया है। वही रकम फिर से साइबर सेल की टीम के आरक्षी आसिफ अली के खाते में ट्रांसफर किया गया है।
नोएडा पुलिस के अनुसार, पिस्टल लूट की जांच में एक वीडियो सामने आया। इसमें पिस्टल लूटकर भाग रहे आरोपितों की वरना कार का नंबर दिख गया था। दिल्ली नंबर की कार के आधार पर पुलिस को मनोज तिवारी नाम के व्यक्ति के बारे में पता लगा। सर्विलांस से पता लगा कि मनोज, सूर्यभान के संपर्क में था। इसके बाद पूछताछ में पता लगा कि सूर्यभान के कहने पर ही मनोज ने साइबर सेल की टीम को सबक सिखाने की प्लानिग की थी। इसके बाद प्लानिग के तहत मनोज अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ सेक्टर-18 पहुंचा था और सब इंस्पेक्टर से उलझ कर पिस्टल लूट की वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ। पुलिस आरोपित मनोज व उसके साथियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। अपर पुलिस आयुक्त लव कुमार का कहना है कि मनोज के पकड़े जाने पर लूटी गई पिस्टल बरामद होने की उम्मीद है।