नई दिल्ली/नगर संवाददाता : नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर राज्यसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष की धर्मनिरपेक्षता मुस्लिमों तक ही सीमित है। जबकि, इस बिल से मुसलमानों का कोई नुकसान नहीं होगा। मैं चाहता कि देश के मुसलमान डरें।
शाह ने कहा कि विपक्ष ने सवाल उठाया कि आपने 3 देश और 6 धर्मों को ही क्यों चुना? उन्होंने कहा कि मेरा जवाब यह है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं। देश का धर्म इस्लाम हो तो मुस्लिमों पर अत्याचार की संभावना कम रहती है। लेकिन, इन देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है। मोदी सरकार ने इन तीन देशों के 566 मुसलमानों को भारत की नागरिकता दी है। दरअसल, विपक्ष की धर्मनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों तक ही सीमित है। विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि बिल आर्टीकल 14 का उल्लंघन नहीं करता न ही बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा है। उन्होंने कहा कि तीनों पड़ोसी देशों ने वादा निभाया होता तो यह नौबत ही नहीं आती। शाह ने कहा कि कांग्रेस अजीब प्रकार की पार्टी है। हमें बिल को लेकर कोई भ्रम नहीं है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि समस्याओं को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। हम चुनाव अपने नेता की लोकप्रियता पर लड़ते हैं। हम समस्याओं को सुलझाने के लिए सत्ता में आए हैं। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले समाधान हो गया होता तो यह बिल ही नहीं आता।