शाहजहांपुर/नगर संवाददाता : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद द्वारा अपने आश्रम की एक शिष्या के साथ 2011 में कथित तौर पर किए गए बलात्कार के मामले में यहां की एक अदालत में 13 दिसंबर को सुनवाई होगी। इस मामले को वापस लेने के प्रदेश सरकार के निर्णय को यहां की अदालत ने खारिज कर दिया था।
इस समय स्वामी चिन्मयानंद अपने ही कॉलेज से एलएलएम कर रही एक छात्रा के यौन शोषण के मामले में जेल में बंद हैं।
पीड़िता के अधिवक्ता मुकेश कुमार गुप्ता ने भाषा को बताया कि जन प्रतिनिधियों (एमपी एमएलए) के खिलाफ मामले की सुनवाई के लिए गठित अदालत के न्यायाधीश नरेंद्र कुमार पांडे ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म मामले में सुनवाई की तारीख 13 दिसंबर तय की है।
स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपने ही आश्रम की शिष्या का कथित तौर पर यौन शोषण करने को लेकर 2011 में यहां शहर कोतवाली में एक मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद उन्होंने महिला को अपने ही संस्थान में प्राचार्य बना दिया था।
पीड़िता के अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 23 अक्टूबर 2012 को अदालत में आरोप.पत्र दायर किया था, जो अभी तक न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही 24 मई 2018 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में प्रदेश सरकार द्वारा चिन्मयानंद पर चल रहा बलात्कार का मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र भेजा गया जिस पर पीड़िता ने आपत्ति दाखिल की। उसकी आपत्ति को देखते हुए अदालत ने मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना-पत्र खारिज कर दिया था और जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।
गुप्ता ने बताया कि इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद सुप्रीम कोर्ट चले गए और वहां से उन्होंने अदालत द्वारा की जा रही कार्रवाई को रोकने का स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था।
इसके बाद चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म मामले की पत्रावली इलाहाबाद उच्च न्यायालय को भेज दी गई थी। उच्च न्यायालय ने अब फिर से यह पत्रावली शाहजहांपुर की अदालत के पास भेज दी है।