नई दिल्ली/नगर संवाददाता : मोदी सरकार 1 जनवरी 2020 से ईपीएफ के नियमों में बदलाव करने का जारी है। कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। ईपीएफओ के 6 करोड़ कर्मचारियों के साथ ही 50 लाख अन्य कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा। श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में 31 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
नोटिफिकेशन में लिखा गया है, ‘केंद्रीय सरकार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952, (1952 का 19) की धारा 1 की उपधार (3) के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उक्त अधिनियम के उपबंधों का दम या अधिक व्यक्तियों को नियोजित करने वाले स्थापनों और जो तत्कालीन जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1961 (1961 का 15), जैसा कि वह जम्मू.कश्मीर पुनगर्ठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) द्वारा निरसन से पूर्व था, के उपबंधों के अधीन आने वाले स्थानों पर 1 जनवरी, 2020 के विस्तार करती है।
क्या लागू होते हैं ईपीएफ नियम: ईपीएफ के नियम उन सभी कंपनियों और संस्थाओं में लागू होते हैं जहां कर्मचारियों की संख्या 20 या उससे ज्यादा होती है। अब केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी देने के मकसद से इसकी सीमा घटाकर 10 कर दी है।
क्या होगा फायदा: जम्मू कश्मीर में प्राइवेट सेक्टर में काम करने कर्मचारियों को अब तक पेंशन का फायदा नहीं मिलता है। ईपीएफ स्कीम लागू होने से अब उन्हें पेंशन मिलने लगेगी। ईपीएफ जमा पर सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली संस्था है। 2018-19 के लिए उसने अपने अंशधारकों को 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया है। यह संस्था अपने सदस्यों का 250000 से 600000 तक का जीवन बीमा भी कराती है।