मुंबई/नगर संवाददाता : भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते महाराष्ट्र में सरकार बनने के आसार अभी दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसी बीच, शिवसेना नेता संजय राउत और एनसीपी नेता शरद पवार की मुलाकात ने इस मामले में नया पेंच डाल दिया है।
हालांकि पवार ने कहा है कि शिवसेना और भाजपा को मिलकर सरकार बनानी चाहिए। उनकी पार्टी को जनता ने विपक्ष में बैठने के लिए समर्थन दिया है।
संजय राउत ने मुंबई में पवार से मुलाकात के बाद कहा कि पवार महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। वे न सिर्फ महाराष्ट्र के बल्कि भारत के बड़े नेता हैं। हालांकि उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। इससे पहले राउत ने कहा कि 50.50 के अलावा भाजपा के किसी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव मिलकर लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने इस बार 105 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना 56 सीटों जीतने में सफल रही है।
राज्यसभा सदस्य राउत ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने सहित सत्ता के बंटवारे को लेकर भाजपा से लिखित आश्वासन चाहती थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर चुनाव से पहले ही सहमति हो गई थी।
पवार की पार्टी ने रखी शर्त: वहीं राकांपा ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में एक नए राजनीतिक विकल्प पर विचार किया जा सकता है। राकांपा से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत आगे बढ़ाने से पहले चाहती है कि केन्द्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दें।