लखनऊ/नगर संवाददाता : लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या के गुत्थी पूरी तरह सुलझाने में अब भी यूपी पुलिस पूरी तरह सफल नहीं हो सकी है। पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी अब भी हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्त से बाहर है। इस बीच कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है जिसमें वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगा रहे है।
वायरल वीडियो में कमलेश तिवारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपनी सुरक्षा की फाइल दबाए रखने और जानबूझकर सुरक्षा कम किए जाने की बात कह रहे है।
वीडियो में कमलेश तिवारी अपनी हत्या का आंशका जताते हुए कह रहे है कि दुबई और पाकिस्तान से उनको फोन पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके साथ ही वह वीडियो में आईएसआईएस पर अपनी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा रहे है।
इस बीच हत्याकांड में सूरत से गिरफ्तार रशीद पठान का दुबई और पाकिस्तान कनकेशन सामने आया है। एटीएस की गिरफ्त में आए रशीद कुछ दिनों पहली ही दुबई से लौटा है।
बताया जा रहा है कि रशीद दुबई में जिस दुकान में काम करता था वह किसी पाकिस्तानी की थी। इसके बाद एटीएस रशीद पठान से पूछताछ कर इस एंगल पर भी अपनी जांच कर रही है।
भोपाल में भी हत्या की हुई थी कोशिश-लंबे समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर रहने वाले कमलेश तिवारी पर कई बार हमले की कोशिश की गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में खुद कमलेश तिवारी कह रहे है कि एक साल पहले भोपाल के पास उनकी गाड़ी का पीछा कर उनको मारने की कोशिश की गई है, जिसकी सूचना उन्होंने मध्य प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को दी थी।
कमलेश तिवारी के इस वीडियो को वायरल होने के बाद वेबदुनिया ने हिंदू समाज पार्टी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष राजेश शुक्ला से जब वायरल वीडियो को लेकर बात की थी तो उन्होंने कहा कि पिछले साल जून के आसपास जब कमलेश तिवारी उत्तर प्रदेश से सड़क मार्ग से भोपाल आ रहे थे तो उनकी गाड़ी का पीछा किया गया।
राजेश अग्रवाल कहते हैं कि सागर से भोपाल की तरफ आगे बढ़ने पर कमलेश तिवारी की गाड़ी का पीछा कर उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की गई थी लेकिन कमलेश तिवारी के ड्राइवर और गनमैन की सतर्कता के चलते बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए थे।
भोपाल पहुंचने पर कमलेश तिवारी ने घटना के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी। वहीं कमलेश तिवारी के करीबी होने का दावा करने वाले एक हिंदूवादी नेता तो यह भी दावा करते है कि भोपाल स्टेशन के पास भी कमलेश तिवारी का कुछ लोगों ने पीछा किया था लेकिन सतर्कता के चलते वह अपने मंसूबों में कामयाबह नहीं हो पाए थे।