भोपाल/नगर संवाददाता : मध्य प्रदेश की में मंगलवार को सियासी तापमान अचानक उस वक्त बढ़ गया है जब विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर भाजपा के खेमे में नजर आए। दो महीने विधानसभा के मानसून सत्र के समय कांग्रेस सरकार के पक्ष में मतदान करने वाले और मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में अपनी आस्था जताने मैहर
से भाजपा विधायक अचानक से भाजपा कार्यालय पुहंचे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के साथ मीडिया के सामने आए विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वह भाजपा से कभी गए ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में दोबारा नहीं आए है, वो भाजपा में थे और आगे भी भाजपा में रहेंगे।
नारायण त्रिपाठी ने सफाई देते हुए कहा कि विधानसभा सत्र में उन्होंने समझ के फेर में कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करने पर सफाई देते हुए कहा कि वह मैहर के विकास के लिए मिले थे।
नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वह झाबुआ उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे। वहीं भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी नारायण त्रिपाठी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि विधायक अपने कामों के लिए सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री से मिलते रहे है।
उन्होंने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि नारायण त्रिपाठी और शरद कौल को लेकर कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में भ्रम फैलाया। उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी सत्ता बचाने के लिए जोड़ तोड़ की राजनीति का सहारा ले रहे है।
वहीं मध्य प्रदेश के सियासत में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता कहते हैं कि इस वक्त सियासत की परिस्थितयां बदल चुकी है, आज नारायण त्रिपाठी को भाजपा में अपने हित को देख रहे है।
दिनेश गुप्ता कहते हैं कि नारायण त्रिपाठी ने जिस तरह कांग्रेस सरकार की आलोचना की है उससे यह साफ पता चलता है कि आज नारायण त्रिपाठी को भाजपा में अपना ज्यादा हित दिखाई दे रहा है तो वह वहां दिख रहे है और नारायण त्रिपाठी उन नेताओं में शुमार है जो अपने हितों के हिसाब से दलबदल करने में माहिर रहे है।