लखनऊ/नगर संवाददाता : धार्मिक नगरी अयोध्या में दीपावली के अवसर पर शुरू किया गया ‘दीपोत्सव’ देश-दुनिया में पहचान बना चुका है और इस वर्ष दीपोत्सव को पहले से कहीं अधिक वृहद और भव्य बनाने की तैयारी है। इस मौके पर रिकॉर्ड संख्या में दीये जलाकर विश्व कीर्तिमान बनाने की तैयारी है। दीपोत्सव 24 से 26 अक्टूबर के बीच अयोध्या में होगा और इस बार लगभग 4 लाख दीये जलाकर उस विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी है, जो पिछले वर्ष 3 लाख से अधिक दीये जलाकर बनाया गया था। इन दीयों का निर्माण एक ही गांव के 40 कुम्हार कर रहे हैं।
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार अयोध्या में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी भव्य दिवाली उत्सव मनाने की तैयारियां कर रही है। राम नगरी की दीपावली को भव्य मनाने के लिए योगी सरकार दीपावली पर यहां 4 लाख दीये प्रज्वलित कराएगी। इन दीयों का निर्माण एक ही गांव के 40 कुम्हार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार पिछले साल से अधिक भव्य तरीके से दीपोत्सव आयोजन कर रही है। अयोध्या में 3 दिन का दीपोत्सव मनाया जाएगा।
अयोध्या को रोशनी से जगमगाने के लिए जयसिंहपुर गांव के 40 कुम्हार परिवार मिट्टी के 4 लाख दीपक बनाने में जुट गए हैं। अवध यूनिवर्सिटी के मौखिक आदेश पर इस गांव के 40 परिवार रात-दिन दीये तैयार करने में जुटे हुए हैं। दीये के लिए टेंडर 14 अक्टूबर को खुलेगा। लेकिन जिस-जिस कुम्हार को पिछले साल के दीपोत्सवों में ढाई लाख दीपों को सप्लाई करने की जिम्मेदारी दी गई थी उसे इस साल भी 4 लाख दीये तैयार करने को कहा गया है।
पूरे आयोजन का होगा सीधा प्रसारण: इस बार के दीपोत्सव कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें।
13 मंदिरों में 3 दिन तक जलेंगे 5001 दीये: राज्य सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक 24, 25 और 26 अक्टूबर के इस आयोजन के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। अयोध्या के 13 प्रमुख मंदिरों में 3 दिन तक हर दिन 5001 दीये जलाए जाएंगे। इसके अलावा नगर के सभी 10 हजार मंदिरों और घरों में भी दीये जलाए जाएंगे। जिला प्रशासन, अयोध्या नगर निगम और शहर के बड़े शैक्षणिक संस्थान इस मुहिम में शामिल हैं। दीपोत्सव कार्यक्रम को अयोध्या के गुप्तारघाट से लेकर भरत जी की तपस्थली नंदीग्राम तक बढ़ाया गया है।
पांच देशों की मंडलियां पेश करेंगी रामलीला: आयोजन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस बार अयोध्या के दीपोत्सव में 5 देशों मॉरीशस, नेपाल, सूरीनाम, इंडोनेशिया और थाईलैंड की रामलीला मंडलियां रामलीला का मंचन करेंगी। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 32 सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम होगा। श्रीलंका के कलाकार भी आएंगे।