नई दिल्ली/नगर संवाददाता : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीर चलाकर राजधानी के द्वारका में दिल्ली विकास प्राधिकरण के मैदान पर विजयादशमी पर 107 फीट ऊंचे रावण का दहन किया लेकिन इस दहन की विशेषता यह थी जलते हुए पुतले से पटाखे नहीं फूटे।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दहन के लिए रखे रावण, मेघनाथ तथा कुम्भकरण के तीनों पुतलों में पटाखे नहीं भरे गए थे, लिहाजा वह चंद पलों में ही जलकर खाक हो गए। इस मौके पर 1 लाख लोग जमा थे।
देशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा कि उत्सव हमारी संस्कृति और जीवन के प्राण तत्व है। उत्सव हमें जोड़ते भी हैं। उत्सव हम सभी उमंग भी भरते है। उत्साह भी भरते हैं और हमारे सपनों को सजने का सामर्थ्य भी देते हैं।
मोदी ने कहा कि भारत उत्सवों की भूमि है। शायद ही 365 दिन में कोई एक दिन भी ऐसा होगा जब हिन्दुस्तान के किसी न किसी कोने में उत्सव न मनाया जाता हो। उन्होंने कहा कि हजारों साल की सांस्कृतिक परम्परा के कारण हमारे देश ने उत्सवों ने भी सांस्कारिक शिक्षा और सामूहिक जीवन को एक निरंतर प्रशिक्षण देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि उत्सव के कारण हमें ‘क्लब कल्चर’ में जाना नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत शक्ति साधना का देश है। पिछले नौ दिन हमने मां का पूजन किया। हम कन्याओं को पूजते हैं और दीपावली में भी बेटियों को पूजें। उन्होंने
सामूहिकता की शक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए भगवान राम और कृष्ण से प्रेरणा लेने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज विजयादशमी भी है और एयरफोर्स दिवस भी है भारत आज हमारी वायु सेना पर गर्व करता है। राष्ट्रपिता महत्मा गांधी की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उन्होंने देशवासियों से पानी बचाने, बिजली बचाने और अन्न बर्बाद न करने का संकल्प लेने की अपील की।
रावण दहन के पहले मोदी ने भगवान रामचंद्र की पूजा की। उन्होंने रामलीला का मंचन देखा और राम लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले पात्रों का अभिनंदन करते हुए टीका लगाया।