श्रीनगर/नगर संवाददाता : कश्मीर घाटी में लगातार नौवें सप्ताह मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा नहीं हुई। ऐसा यहां सुरक्षा के मद्देनजर हुआ है। जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद पिछले 2 माह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
श्रीनगर में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद और कुछ अन्य प्रमुख मस्जिदों में लगातार 9वें सप्ताह जुमे की नमाज नहीं अदा की जा सकी। घाटी में हालांकि उसके अंदरुनी इलाकों में स्थित कुछ मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई।
पाबंदियां जारी रहीं: आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर के पुराने इलाके और अन्य हिस्सों में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर निषेधाज्ञा के तहत आज शुक्रवार को भी पाबंदियां जारी रहीं। जामिया मस्जिद की ओर जाने वाले सभी प्रवेश द्वार बंद रहे तथा किसी भी व्यक्ति को मस्जिद में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई। मस्जिद और इसके आसपास लोगों को एकत्र होने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया।
जामिया मस्जिद का रास्ता खुला रखा: इस बीच हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुक के मजबूत गढ़ जामिया मस्जिद की ओर जाने वाली सड़कों को वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला रखा गया। इस दौरान विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षा बल के जवान भी तैनात रहे।
9 सप्ताह से नमाज अदा नहीं: नौहट्टा के निवासी रमजान शाह ने कहा कि जामिया मस्जिद में लगातार 9 सप्ताह से जुमे की नमाज अदा नहीं की जा सकी है। हमने पिछले 2 माह से इस मस्जिद से अजान की आवाज नहीं सुनी है और यह बेहद निराशाजनक है। इसी तरह घाटी के विभिन्न हिस्सों में अन्य प्रमुख मस्जिदों में भी नमाज नहीं अदा की जा रही है, क्योंकि अधिकांश मस्जिदों को बंद रखा गया है, लेकिन घाटी में छोटी स्थानीय मस्जिदों से शुक्रवार की नमाज अदा करने की रिपोर्ट मिली है।