पटना/नगर संवाददाता : भारी बारिश के बाद बिहार की राजधानी पटना में भयावह जलजमाव को 6 दिन से अधिक हो गए बावजूद इसके कई इलाकों में अब भी पानी भरा हुआ है। इस मामले में सरकार ने उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही है। पटना में दिन में एक.दो बार हल्की बारिश की संभावना है, जबकि तापमान अभी सामान्य ही रहेगा। शहर में आज से कई जगहों पर कैंप लगाए जाएंगे। वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर हिमपात व मैदानी क्षेत्रों में बारिश से ठंड बढ़ गई है। बाढ़ प्रभावित बिहार और कर्नाटक के लिए केंद्र सरकार ने मदद का ऐलान किया है।
आगामी 24 घंटे में बिहार के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। दरअसल मानसूनी सिस्टम अभी भी पूर्वी उत्तरप्रदेश और उससे सटे बिहार के इलाके से होता हुआ झारखंड तक सक्रिय है। अगले 24 घंटे का सवाल है पटना सहित समूचे प्रदेश में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। पूर्वी उत्तरप्रदेश से सटे कुछ एक इलाकों में बारिश की संभावना बताई जा रही है।
पटना में दिन में एक-दो बार हल्की फुहार पड़ने की संभावना है। तापमान अभी सामान्य के करीब ही रहेगा। बाढ़ प्रभावित बिहार और कर्नाटक के लिए केंद्र सरकार ने मदद का ऐलान किया है। सरकार ने नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड से बिहार को 400 करोड़ और कर्नाटक को 1200 करोड़ रुपए के अग्रिम भुगतान की घोषणा की है। इन दोनों की राज्यों में बाढ़ के चलते सैकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। राहत-बचाव और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ फंड से बिहार को 400 करोड़ देने की घोषणा की है।
इसके अलावा बिहार के एसडीआरएफ के लिए अपने हिस्से की दूसरी किस्त को अग्रिम रूप से जारी करने का फैसला किया है। इसके तहत राज्य को 213.75 करोड़ रुपए मिलेंगे। केंद्रीय टीम आज पदाधिकारियों के साथ बैठक करेगी। उसके बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को दौरा करने के बाद देर शाम उसी दिन दिल्ली वापस लौट जाएगी। पूर्वांचल में मानसून अभी भी बना हुआ है और बादलों की आवाजाही पूर्व की भांति ही बनी हुई है।
शनिवार को हालांकि पूर्वांचल में मानसूनी बादलों की मामूली सक्रियता सुबह से रही और दिन चढ़ने के साथ ही मौसम का रुख मिलाजुला रहा। जबकि इसके बाद आने वाले दिनों में मानसूनी बादलों से दोबारा बारिश की आशंका जताई गई है। इससे पहले दिल्ली एनसीआर में गुरुवार देर शाम मौसम ने करवट ली और राजधानी के कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई। बारिश की वजह से कई जगहों पर लोगों को जाम से जूझना पड़ा। बारिश का असर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से संचालन होने वाली उड़ान पर भी पड़ा।
वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर हिमपात व मैदानी क्षेत्रों में बारिश से ठंड बढ़ गई है। गुरुवार देर रात शिमला जिले के ठियोग, नारकंडा, मंडी जिले की चौहारघाटी व कांगड़ा जिले के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से मटर, सेब व मक्की की फसल को नुकसान पहुंचा। शुक्रवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान में करीब 4 डिग्री की गिरावट आई है। रोहतांग दर्रे सहित लाहुल व मनाली की पहाड़ियों पर कुछ दिन से हल्की बर्फबारी का क्रम जारी है। मौसम विभाग के अनुसार अभी एक सप्ताह तक बारिश का दौर जारी रहेगा।