करनाल/हरियाणा, सतीश कुमार : दिनांक 9 अगस्त को माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 09-08-2019 को अपना फैसला श्री गुरु रविदास मंदिर तुगलकाबादए दिल्ली गुरुघर को गिराए जाने का दिया। इस फैसले से श्री गुरु रविदास नाम लेवा संगत को काफी आघात पहुंचा है, जो केवल भारत में ही नही पूरे विश्व में गुरु रविदास जी की पावन अम्रतबाणी का अनुसरण करती हैं। इतिहास में गुरु रविदास जी को मुस्लिम शासक सिकंदर लोधी द्वारा हिन्दुओं को मुसलमान बनाने के प्रयास किये थे लेकिन जब गुरु रविदास जी ने सिकंदर लोधी को मानवता का पाठ सिखाया तो वो खुद ही गुरु रविदास जी के शिष्य बने तो सिकंदर लोधी द्वारा उन्हें ये जमीन विश्राम हेतु दी गई थी। आज वर्तमान स्थिति में यह ऐतिहासिक स्थान ना तो किसी विकास कार्य में कोमा ना ही किसी मुख्य मार्ग के बीच बाधा बनने का काम कर रहा था। इस गुरु घर के निर्माण हेतु नींव पत्थर सन 1959 में श्री बाबू जगजीवन राम जी द्वारा रखा गया व् इसके साथ ही लंबे चौड़े रोड का नाम भी गुरु रविदास जी के नाम से है। जमीनी कागजात जमाबंदी में भी यह गुरु रविदास जी मंदिर वह गुरु रविदास सरोवर के नाम से है। अपितु इसके लगते हजार एकड़ जमीन बतौर जंगल पड़ी है। जिस पर डीडीए दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी अपना मालिकाना हक पेश करता है। इस जमीन को जंगल की जमीन बताकर गुरु रविदास घर तोड़ा गया।
धरने पर बैठे लोगों ने बताया कि इससे पहले भी देश के जिलों में एक ही दिन करनाल में भी 13 अगस्त को काफी बड़े स्तर पर रोष प्रदर्शन किया गया था तथा राष्ट्रीय स्तर पर 21 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में रोष प्रदर्शन किया गया। लेकिन सरकार की कार्रवाई से गुरु रविदास नाम लेवा संगत काफी आघात है। क्योंकि गुरु घर बनाने को लेकर कोई भी कार्रवाई मोदी सरकार द्वारा नहीं हुई अपितु हमारे समाज के जो कि गुरु रविदास नाम लेवा संगत है उसके 96 लोगों को जेल में बंदी बनाया हुआ है। धरने पर बैठी गुरु रविदास नाम लेवा संगत यही मांग करती है कि हमारा गुरु श्री गुरु रविदास गुरु घर तुगलकाबाद में जल्द से जल्द बनाया जाए धरने पर बैठे सेवक सतनाम दास सुनील कटारिया सतीश कुमार रोहित जोशी रवि कुमार मलखान नंबरदार अशोक कलसन रिंकू व अन्य।