दिल्ली/नगर संवाददाता: नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट को ऊंचाईयों पर ले जाने वाली 36 बरस की पर्व कप्तान मिताली राज ने मंगलवार को अचानक इंटरनेशनल टी20 से संन्यास लेने की घोषणा करके सबको चौंका दिया। उन्होंने ट्वंटी-20 के 32 मैचों में कप्तानी की जिनमें 2012, 2014 और 2016 विश्व कप शामिल हैं।
क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारुप टी20 में अपने चयन को लेकर 7 दिन पहले ही मिताली ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि वे टी-20 सीरीज के लिए उपलब्ध हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जानी है लेकिन आज अचानक उन्होंने टी20 से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया।
असल में चयनकर्ता मिताली के टी20 में उपलब्धता से परेशान हो गए थे। चयनकर्ताओं का परेशान होना इसलिए लाजमी था क्योंकि 2021 में 30 जनवरी से 20 फरवरी तक न्यूजीलैंड में आईसीसी वर्ल्ड कप है, जिसके लिए वे मिताली की अगुवाई में ऐसी टीम तैयार करना चाहते हैं, जो चैम्पियन बने।
2006 में भारतीय महिला ट्वंटी-20 टीम की पहली कप्तान रहीं मिताली ने कुल 89 इंटरनेशनल ट्वंटी-20 मैच खेले और 2364 रन बनाए। मिताली इस प्रारुप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
वर्ल्ड कप फोकस करने के लिए संन्यास: 2006 से टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद मिताली राज ने कहा कि मैंने टी20 क्रिकेट को अलविदा इसलिए कहा है क्योंकि मैं अपना सारा फोकस 2021 में होने वाले 50 ओवरों के आईसीसी वर्ल्ड कप पर कर सकूं। मिताली की कप्तानी में भारतीय महिला टीम 2017 में खेले गए विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी और इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड चैम्पियन बनते बनते रह गई थी।
मिताली राज की उपलब्धियां: मिताली राज ने 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ गुवाहाटी में टी20 क्रिकेट में पदार्पण किया था। वे टी20 क्रिकेट में 2000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर थी। टी20 क्रिकेट में में उनका उच्चतम स्कोर है नाबाद 97 रन।
देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना मिताली का सपना: बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि मिताली ने टी20 से इसलिए संन्यास लिया है क्योंकि वे भारत को वर्ल्ड कप चैम्पियन बनाना चाहती हैं। मिताली ने खुद भी कहा कि विश्व कप को चूमना मेरा सपना है और मैं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती हूं। मेरी शुभकामनाएं टीम के साथ हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी टी20 श्रृंखला खेलने जा रही है।
कोच रमेश पोवार से हुआ था विवाद: 2018 में टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में अंतिम 11 में जब उन्हें जगह नहीं मिली थी, तब उनका कोच रमेश पोवार से काफी विवाद हुआ था। तब टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर थीं। यही नहीं, मिताली ने सार्वजनिक रूप से कोच पर आरोप भी लगाए थे कि वे उनका करियर खत्म करने पर तुले हैं। इस विवाद के बाद कोच पोवार को हटाकर डब्ल्यूवी रमन को चीफ कोच बना दिया गया था।