उत्तर प्रदेश/नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को रोटी नमक देने की तस्वीर प्रशासन के सामने लाना एक पत्रकार को भारी पड़ गया है।
प्रशासन ने अपनी कारगुजारी छिपाने के लिए स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
हैरत की बात ये है कि प्रशासन ने स्कूल में छोटे बच्चों के साथ मिड डे मील के नाम पर हो रहे क्रूर मजाक की असली तस्वीर लोगों के सामने लाने को पत्रकार की साजिश बताते हुए उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जिले के जिम्मेदार अफसरों का तर्क है कि पत्रकार और उसके सथियों को इसकी शिकायत करनी चाहिए थी नकि इसका वीडियो वायरल करना चहिए था।
दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर यूपी के मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल का वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें छोटे बच्चों को मिड डे मील में रोटी और नमक खाने को दिया जा रहा है। स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर पूरी घटना को बताया है। वीडियो में पत्रकार ने कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए है। पवन जायसवाल ने अपने उपर लगाए केस को वापस लेने की मांग की है।
वीडियो वायरल होने के बाद मिर्जापुर से लेकर राजधानी तक हड़कंप मच गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद प्रशासन ने जांच के नाम पर उस पत्रकार के खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया जिसने पूरे मामले को सामने लाया। वहीं पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज होने पर जिले के एसपी अवधेश पांडेय अपना पल्ला झाड़ते हुए कहते है कि इस मामले में ज्यादा कुछ कलेक्टर साहब ही बता पाएंगे। पुलिस ने पूरे मामले में स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल और एक अन्य के खिलाफ धारा 120-बी, 186,193 और 420 के तहत केस दर्ज किया है।
एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा-वहीं योगी सरकार में फिर एक पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज होने पर एडिटर्स गिल्ड अब पत्रकार पवन जायसवाल के समर्थन में खुलकर आ गया है। एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ एफआईआर की निंदा करते हुए कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया है। गिल्ड ने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में भी निर्भीक पत्रकारों को निशाना बनाय जा रहा है। उन्होंने योगी सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह हैरान करने वाला है कि जो गड़बड़ी थी उसे ठीक करने के बजाए सरकार ने पत्रकार के खिलाफ ही केस दर्ज कर दिया।