उत्तर प्रदेश/अयोध्या, नगर संवाददाता: नई दिल्ली। अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना चल रही सुनवाई में अब हिन्दू पक्ष के बाद मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश कर रहा है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष की दलीलें 20 दिन तक चलेंगी। इस बीच, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि परिक्रमा सबूत नहीं हो सकती।
दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को कथित धमकी मिलने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन. षणमुगम से 14 अगस्त, 2019 को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने की वजह से धमकी दी गई थी।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि परिक्रमा पूजा का एक प्रकार है, लेकिन वह साक्ष्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पूजा के लिए भगवान की परिक्रमा सबूत नहीं हो सकती। धवन ने हिन्दू पक्ष की आक्रमण संबंधी दलील को भी खारिज कर दिया।
धवन को ब्रेक: धवन ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से सप्ताह के बीच में बुधवार को खुद के लिए ब्रेक की मांग की थी। धवन ने इस आधार पर अदालत से ब्रेक देने का आग्रह किया कि उनके लिए लगातार दलीलें देना मुश्किल होगा।
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इससे कोर्ट को परेशानी होगी और आप चाहें तो शुक्रवार को ब्रेक ले सकते हैं। इस पर धवन ने सहमति जताई।