दिल्ली/नगर संवाददाता : नई दिल्ली। 2 माह पूर्व लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में विपक्ष के चक्रव्यूह को तोड़ते हुए 303 सीटें हासिल कर इतिहास रच दिया।
भाजपा ने देश के पश्चिम तथा उत्तरी भाग में ही नहीं बल्कि पूर्वी हिस्से में भी भगवा लहराया। इस जीत के शिल्पकारों में एक नाम अरुण जेटली का भी था। जेटली का शनिवार दोपहर (24 अगस्त, 2019) को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
मोदी और शाह जब चुनाव प्रचार में व्यस्त थे तब जेटली दिल्ली में बैठकर व्यूह रचना में लगे थे। उनके मार्गदर्शन में ही पार्टी ने कमजोर सीटें ढूंढकर इन्हें जीतने का प्लान बनाया था। जेटली उन दिनों बीमार थे। बीमारी के चलते ही उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा साथ ही मोदी सरकार 2 में मंत्री बनने से इंकार कर दिया। लेकिन उन्होंने इस स्थिति में भी पार्टी को मजबूती देने के लिए भरसक प्रयास किया।
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का निधन
यह जेटली का ही कमाल था कि चुनाव भाजपा और विपक्ष के बीच न होकर मोदी बनाम विपक्ष हो गया। उन्होंने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के परिणाम सबसे चौंकाने वाले होंगे और हुआ भी ऐसा ही।
यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड आदि राज्यों में जहां भाजपा को भारी नुकसान होने की आशंका थी, भारी फायदा हुआ साथ ही ओडिशा, पश्चिम बंगाल समेत कई नए राज्यों में पार्टी की बल्ले-बल्ले हो गई।