दिल्ली/नगर संवददाता : नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार में भीषण बारिश ने भारी तबाही मचाई। बारिश के कारण हिमाचल के काजा इलाके में फंसी मलयालम फिल्म की अभिनेत्री मंजू वारियर सुरक्षित निकाल लिया गया। हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 63 लोगों की मौत हो चुकी है। यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से देश की राजधानी दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
राजमार्ग पर फंस गई थी मंजू वारियर : हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण राज्य में सड़कों पर आवागमन बंद रहे। भारी भूस्खलन ने चंडीगढ़, मनाली और काजा राजमार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही को प्रभावित किया। मनाली और काजा राजमार्ग पर मंजू वारियर अपने 28 सदस्यीय फिल्म यूनिट के साथ फंसी गई थीं, जिन्हें सुरक्षित बचा लिया।
627 करोड़ की संपत्ति नष्ट : बारिश और बाढ़ से हिमाचल में मौत का आंकड़ा 63 तक पहुंच गया है। यही नहीं, पिछले 3 दिनों में 25 लोग मौत के मुंह में समा गए हैं। राज्य में प्राकृतिक आपदा से 627 करोड़ की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है।
दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा : देश की राजधानी दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक 8 लाख से अधिक क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद दिल्ली और हरियाणा में नदी तट के आस.पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
इस पानी को दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे का समय लगेगा। बुधवार की सुबह यमुना के जलस्तर के अपने अधिकतम स्तर तक पहुंचने की संभावना है। यही कारण है कि यहां निचली बस्तियों में मुनादी करके लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा जा रहा है।
सहायता के लिए इन नंबरों पर कॉल करें : आने वाले 24 घंटे दिल्ली पर भारी रह सकते हैंं। दिल्ली प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति में किसी प्रकार की सहायता के लिए 2 टेलीफोन नंबर 01122421656 और 011 21210849 भी जारी किए हैं।
2 फीट और बढ़ सकता है भाखड़ा बांध का जल स्तर : भाखड़ा बांध में मंगलवार को 90 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अधिकारियों को आशंका है कि बांध का जल स्तर 2 फीट और बढ़ सकता है और इसी के साथ देर रात तक इसका स्तर रिकॉर्ड 1,683 फीट तक पहुंचने की संभावना है।
अगर जरूरत पड़ी तो भाखड़ा बांध से और भी पानी छोड़ा जा सकता है जिसकी वजह से जालंध, फिल्लौर, लुधियाना और उसके आसपास के अन्य बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पुल की सड़क पानी में बह गई : उधर उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के गंगौह इलाके में लखनौती क्षेत्र में हरियाणा को जोड़ने वाला यमुना नदी पर हाल ही में बनकर तैयार हुए पुल की सड़क पानी के तेज बहाव में बह गई, जिससे हरियाणा से संपर्क टूट गया।
गांव दौलतपुर के घाट और हरियाणा के करनाल जिले के शेरगढ़ गांव के घाट पर यह पुल हाल ही में बनकर तैयार हुआ था, लेकिन तकनीकी कमियों के कारण हरियाणा की तरफ की पुल को जोड़ने वाली सड़क यमुना में हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए 8 लाख क्यूसेक पानी के कारण तेज बहाव में सड़क बह गई।
हरियाणा के करनाल में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। उत्तराखंड में पहाड़ों के दरकने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। वाराणसी में गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है जबकि बिहार में भी गंगा नदी पूरे उफान पर है।