अंबाला (बराडा), जयबीर सिंह : युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए आगे आए प्रशासन व सामाजिक संगठन। देश के भविष्य कहे जाने वाले युवा नशे की दलदल में धंसता जा रहा है। पंजाब को सबसे ज्यादा नशा करने वाला राज्य बताया जाता है किंतु अब पंजाब के साथ-साथ हरियाणा भी पूरी तरह से नशे की चपेट में आ चुका है। युवाओं पर नशा इस कदर हावी हो चुका है कि उनके सोचने समझने की शक्ति भी क्षीण होती जा रही है। नशा हमारे समाज को खोखला करता जा रहा है जिस युवा पीढ़ी पर देश का भविष्य निर्भर है वह युवा पीढ़ी धीरे-धीरे नशे की गर्त में फंसती जा रही है जल्द ही सरकार द्वारा नशे को लेकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। बढता नशा देश व समाज को खोखला करने का काम कर रहा है समय रहते इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो समाज को इसके भंयकर परिणाम भुगतने पडेगें। उत्तरी हरियाणा में आने वाले कैथल, अंबाला, करनाल, यमुनानगर आदि जिलों में किए गए सर्वे के दौरान पता चला है कि नशा हद से बाहर हो चुका है और भावी पीढ़ी लगातार इसकी गिरफ्त में आ रही है चौकानें वाली बात तो सामने यह आई है की नशा पुलिस प्रशासन की नाक तले सप्लाई हो रहा है और पुलिस प्रशासन कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है कहीं ना कहीं मिलता यह खुला नशा पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। एक सर्वे के दौरान अंबाला जिले के हल्का मुलाना में आने वाले गांव थम्बड़, बराड़ा, अधोया और उगाला के लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि हम कई बार पुलिस प्रशासन से मिल चुके हैं और बराड़ा एस एच ओ को लिखित शिकायत भी दी गई है किंतु नतीजा वही ‘ढाक के तीन पात ‘। पुलिस प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही जब इस बारे में एस एच ओ बराड़ा से बातचीत की गई तो उन्होंने ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा शिकायत दी गई है और मैंने नशा बेचने वालों को बराड़ा थाने में बुलाकर समझा दिया है और एक सप्ताह के अंदर-अंदर नशा बेचने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।
नशे पर नियंत्रण को लेकर हरियाणा सरकार के दावे निकले खोखले
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