राजस्थान में आरक्षण की मांग

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जयपुर, राजस्थान/नगर संवाददाताः आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान के धौलपुर और भरतपुर जिलों के जाटों ने मथुरा-अलवर रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया है। भरतपुर-कुम्हेर मार्ग की कंजोल लाइन पर भी जाटों ने ट्रक लगाकर जाम लगा रखा है। जाटों के आरक्षण आंदोलन के कारण आगरा-बांदीकुई रेल मार्ग भी प्रभावित हुआ है। जाटों ने मांग रखी है कि सरकार जाट आरक्षण को लेकर लिखित में जवाब दे। विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि लिखित में आरक्षण को लेकर सरकार के जवाब से पहले कोई वार्ता नहीं की जाएगी। उन्होंने वसुंधरा राजे सरकार पर धोखे का आरोप लगाते हुए कहा कि दो साल से मंत्री कोरा आश्वासन दे रहे हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होने देंगे। गुरुवार को  दिनभर भरतपुर के रारह गांव में हुई जाट समाज की महापंचायत के बाद जाटों ने पैदल ही रेलवे ट्रैक की ओर कूच किया था और शाम को डीग तहसील के बहस गांव से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया था। अलवर-मथुरा रेल मार्ग पर अचानक हुए कब्जे से सकते में आए रेलवे व जिला प्रशासन ने पहले तो जाट समाज के लोगों को जबरन हटाने का प्रयास किया, लेकिन जब वो नहीं हटे तो फिर समझाने का दौर शुरू कर दिया था।  इससे पहले रारह गांव में हुई महापंचायत में कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि दोनों जिलों के जाटों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। जाट समाज सरकार से काफी समय से आरक्षण की मांग कर रहा है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए अब आंदोलन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आरक्षण मिलने तक रेलवे यातायात जाम रहेगा। सिंह ने पहले 23 जून से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अचानक महापड़ाव को संबोधित करते हुए गुरुवार से ही रेलवे ट्रैक जाम करने की घोषणा कर दी। इधर, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुरुवार दोपहर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भरतपुर व धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट सौंप दी। आयोग के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र गोयल सहित अन्य सदस्यों ने रिपोर्ट के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी सीएम को दी। वहीं, सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को यह संदेश भेजा गया है कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट मिल गई जिसमें भरतपुर व धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने की बात कही गई है। सरकार शीघ्र इस पर निर्णय लेगी जो जाटों के पक्ष में होगा। आयोग की आरक्षण को लेकर इस 250 पेज की रिपोर्ट के बाद जाट जल्द से जल्द सरकार का फैसला चाहते हैं।

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