हैदराबाद, आंध्र प्रदेश/नगर संवाददाताः देश में नोटबंदी के बाद लोगों को काफी परेशानियों से दो-चार होना पड़ा था। हालांकि सरकार के इस फैसले के चार महीनें बाद अब हालात पटरी पर लौट रहे हैं, लेकिन हैदराबाद में अब भी लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां के 65 फीसद एटीएम पिछले दो दिनों से खाली पड़े हैं। बता दें राज्य में जितने पैसों की आवश्यकता है, रिजर्व बैंक उसका करीब एक चौथाई हिस्सा ही मुहैया करा पा रहा है। वहीं तेलंगाना के अन्य हिस्सों में तो वो भी नहीं मिल रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव एस. वेंकटेश्वर रेड्डी का कहना है, ‘समस्या ये है कि राज्य में करीब 4000 करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन बैंको को केवल 1000 करोड़ ही प्राप्त हो रहे हैं। हालांकि आरबीआइ ने कैश निकासी की सीमा हटा दी है। लेकिन बैंकों को अपने ग्राहकों को देने के लिए पर्याप्त नकदी ही नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘उत्तर भारत में चुनावों की वजह से, ज्यादातर नकद उत्तरी राज्यों में चली गई। जिससे देश का दक्षिणी हिस्सा काफी प्रभावित हो गया है। खासकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पैसों की काफी तंगी है’ अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय सचिव और तेलंगाना के जनरल सचिव व एपी बैंक कर्मचारी एसोसिएशन के बीएस रामबाबू ने दावा किया किया है कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया के लिए जोर दे रही है, लगता नहीं कि अगले कुछ सालों तक स्थिति में सुधार होगा।
नोटबंदी के चार महीने बाद भी हैदराबाद में रुपयों की भारी तंगी
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