चेन्नई, तमिलनाडु/नगर संवाददाताः मद्रास उच्च न्यायालय ने पुलिस को जयललिता के पुत्र होने का दावा करने वाले युवक को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। कृष्णमूर्ति नाम के इस युवक ने तमिलनाडु की पूर्व और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के बेटे होने का दावा करने के साथ उसकी मां (जयललिता) की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा कि इस युवक ने कोर्ट को न सिर्फ धोखा दिया बल्कि जाली दस्तावेज भी पेश किए हैं। जस्टिस आर महादेवन ने केंद्रीय अपराध शाखा के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा दायर की गई रिपोर्ट के बाद ये निर्देश दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु के इरोड जिले का रहने वाला याचिकाकर्ता जे कृष्णमूर्ति वसंतमणि नाम के व्यक्ति का बेटा है, जयललिता का नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकरण में स्टाम्प विक्रेता से पुराने स्टाम्प पेपर खरीदे गए थे और पेश किए गए दस्तावेज जाली थे। न्यायाधीश ने कहा, “उन्होंने न केवल अदालत को धोखा दिया बल्कि जाली दस्तावेज भी तैयार किए हैं।” न्यायाधीश ने पुलिस को कृष्णमूर्ति को गिरफ्तार करने के निर्देश दिया है। अब इस संबंध में अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। गौरतलब है कि कृष्णमूर्ति ने दावा किया था कि, ‘ वो जयललिता की दोस्त वनितामणि के घर में अपने गोद लिये माता पिता के साथ रहता है।’ उसने यह भी कहा था कि 14 सितंबर 2016 को वो जयललिता के सरकारी आवास पोएस गार्डन में आया था और जयललिता के साथ चार दिनों तक रहा भी था। कृष्णामूर्ति ने कहा था कि, ‘ उसकी मां जयललिता उसे दुनिया के सामने अपना बेटा बताने ही वाली थी, लेकिन ये जानने के बाद शशिकला और उनके बीच विवाद पैदा हो गया, और इसी दौरान 22 सितंबर को उसने मेरी मां को सीढ़ियों से नीचे धक्का दे दिया, और उनकी हत्या कर दी।’ 22 सितंबर को ही डिहाइड्रेशन और बुखार की शिकायत के बाद जयललिता को चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां 72 दिनों तक उनका इलाज चला और 5 दिसंबर 2016 को उनकी मृत्यु हो गई।
मद्रास हाइकोर्ट ने जयललिता के फर्जी पुत्र को गिरफ्तार करने का दिया निर्देश
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