नई दिल्ली/नगर संवाददाताः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जहां सभी देश अपने यहां इसकी बधाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गूगल भी इसमें पीछे नहीं है। गूगल ने अपने ही स्टाइल में इसको सेलिब्रेट किया है। यह सेलिब्रेट गूगल ने डूडल बनाकर किया है। गूगल के पेज पर इसको सेलिब्रेट करने के लिए आठ अलग अलग इमेज का इस्तेमाल किया गया है। इसके जरिए गूगल ने दुनियाभर की चर्चित महिलाओं को दर्शाने की कोशिश की है। संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च 1975 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एलान किया था। इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम है यानी कि बदलाव के लिए सशक्त बनें। यह कैंपेन लोगों का आह्वान करता है कि वह बेहतर दुनिया के लिए कार्यरत हों जिसमें लिंगभेद से इतर सबको शामिल किया जाए। अपने डूडल के जरिए गूगल दुनिया की महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा और विश्व में उनके योगदान को याद कर रहा है। मंगलवार रात जैसे ही घड़ी की सूई 12 पर पहुंची अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित डूडल गूगल के होम पेज पर दिखाई देने लगा था। डूडल की पहली तस्वीर में एक बुजुर्ग महिला कुर्सी पर बैठी है और एक बच्ची किताब लेकर उसके पास खड़ी है। इस तस्वीर में यह दोनों कुछ बातें कर रहे हैं। इस तस्वीर में दिखाया गया है कि बुजुर्ग महिला बच्ची को महिलाओं के विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कामों के बारे में बता रही है। तस्वीर में बीते सौ साल की अवधि में विभिन्न परिस्थिति में जन्मी महिलाओं के बारे में बताने की कोशिश की गई है। डूडल की दूसरी तस्वीर में महिलाओं को अपने हक के लिए रैली करते हुए दिखाया गया है। इसमें रैली कर रही महिलाओं को एक बच्ची फूल देकर उनका अभिवादन कर रही है। डूडल की तीसरी तस्वीर में एक महिला हवाई जहाज उड़ा रही है. यानी महिला के पायलट रूप को दर्शाया गया है। अन्य तस्वीरों में महिला के चित्रकार, शिक्षक, गायक, अंतरिक्ष यात्री, डॉक्टर, डांसर जैसे रूप में दर्शाया गया है, जबकि पांचवी तस्वीर एक महिला अपनी बच्ची को पढ़ा रही है। इसी तस्वीर में एक महिला लोगों को जागरूक करने के लिए दीवार पर एक पोस्टर चिपका रही है। गौरतलब है कि आठ मार्च को दुनिया में भर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बनाया जाता है। 28 फरवरी 1909 को पहली बार अमेरिका में यह दिन सेलिब्रेट किया गया था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया ताकि इस दिन महिलाएं काम के कम घंटे और बेहतर वेतनमान के लिए अपना विरोध और मांग दर्ज करवा सकें। साल 1913-14 महिला दिवस युद्ध का विरोध करने का प्रतीक बन कर उभरा। रुसी महिलाओं ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस फरवरी माह के आखिरी दिन पर मनाया और पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां कीं।