औरंगाबाद, बिहार/नगर संवाददाताः नोटबंदी के बाद काला धन रखने वालो के द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोटों को खपाने के अजीबो-गरीब मामले सामने आ रहे है। औरंगाबाद के गोह प्रखंड के दादर गांव के पंचायत सेवक ने वृद्धावस्था पेंशन के लाभुकों के बीच लगभग ढाई लाख रुपये के 500 रुपये के पुराने नोट बांट दिये। दादर गांव के पंचायत सेवक कुबेर प्रसाद गुप्ता ने सारी हदें ही पार कर दी और दादर गांव में करीब 100 वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियो के बीच चार माह का करीब ढाई लाख रूपये बांट दिये। पंचायत सेवक की साजिश कामयाब भी होती दिख रही है। क्योंकि लाभुक उस पुराने नोट को बैंक में जमा करने लगे हैं। मामला प्रकाश में आने से अधिकारियों में हड़कंप है। आरोपी पंचायत सेवक सामने नहीं आ रहा है। वहीं गोह के प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि दोषी पर कड़ी कार्रवाई करने के बात कही है। स्थानीय बैंक अधिकारी भी लाभुकों द्वारा 500 रूपये के पुराने नोट लाभुकों के खाते में जमा करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी लाभुक पुराने नोट जमा करने के लिए लाइन में लगे हुए है। इससे साबित होता है कि पंचायत सेवक भ्रष्टाचार द्वारा अर्जित किया गया धन को खपाने के प्रयास में धन बांटे हैं। भ्रष्टाचारी नोटबंदी के बाद अपना धन खपाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। इस मामले से समझा जा सकता है। अब देखना ये है कि दोषी पंचयत सेवक पर करवाई होती है या मामले की लीपापोती कर दी जायेगी।
कालाधन खपाने के लिए पेंशनधारियों के बीच बांट दिये पांच-पांच सौ के पुराने नोट
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