टोंक, राजस्थान/नगर संवाददाताः टोंक जिला मुख्यालय के जिंसी क्षेत्र में से होकर गुजरने वाले बजरी ट्रैक्टरों की चपेट में आने से बीती रात पूर्व पार्षद एवं जिले के माली समाज के प्रतिष्ठित नाथू लाल माली की उपचार के दौरान सआदत अस्पताल में मौत हो गई। नाथू लाल माली की मौत पर उनके साथ आए परिजनों और अन्य लोगों ने इसे सर्जिकल वार्ड में मौजूद चिकित्सक डॉ. निसर्ग कुलश्रेष्ठ की लापरवाही मानते हुए उनके साथ हाथापाई करते हुए नर्सिंग रूम में जबरदस्त तरीके से तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान वहां मौजूद कुछ नर्सिंगकर्मियों और अन्य लोगों ने डॉ. निसर्ग को जैसे-तैसे वहां से निकाल उन्हें बचाया। मामले की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी दिलीप सोनी और वृत्ताधिकारी बृजेंद्र सिंह भाटी मय पुलिस और आरएसी के जाब्ते के सआदत अस्पताल पहुंचे व परिजनों को शांत करने का प्रयास किया। पुलिस और आरएसी के जवानों नें जैसे-तैसे आक्रोशित लोगों के सर्जिकल वार्ड से बाहर निकाला। लेकिन यहां परिजनों को गुस्सा यहीं नहीं थमा और उन्होंने तीन घंटे से अधिक देर तक सआदत अस्पताल में अराजकता का माहोल बनाए रखा। आक्रोशित लोगों की मांग थी कि डॉ. निसर्ग कुलश्रेष्ठ को अविलंब निलंबित किया जाए। साथ ही उनके विरूद्ध पुलिस में मामला दर्ज करा जाए। इधर, मामले की गंभीरता को देख सआदत अस्पताल के उपनियंत्रक डॉ. खेमराज बंशीवाल, पीएमओ डॉ. जेपीएन सालोदिया, एएसपी रतनलाल भार्गव, एडीएम लोकेश कुमार गौतम, एसडीएम डॉ. सूरज सिंह नेगी भी सआदत अस्पताल पहुंचे, लेकिन उनके सामने भी आक्रोशित लोग सरकारी संपत्ति में तोड़फोड करते रहे। लगभग तीन घंटे बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने माली समाज के जिलाध्यक्ष कमलेश सिंगोदिया के नेतृत्व में समाज के शिष्ट मंडल से वार्ता की. वार्ता के बाद इस डॉ. निसर्ग पर लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई। जिसमें, एसडीएम, वृत्ताधिकारी और दो चिकित्सकों शामिल किया गया। इस कमेटी की गठन के बाद समाज के लोग और परिजन नाथूलाल माली के शव को घर से वापस अस्पताल लाए, जहां रात ही मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। इधर, अस्पताल के उपनियंत्र डॉ. बंशीवाल ने कहा कि अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों के विरूद्ध पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।
युवक की उपचार के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़
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