नई दिल्ली/नगर संवाददाताः राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) एक मई को ही होगी। इस मामले में अपने आदेश में बदलाव करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम अभी इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं कर रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई तीन मई को होगी। गौरतलब है कि केंद्र ने गुरुवार के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह राज्य सरकारों और निजी कॉलेजों को अकादमिक वर्ष 2016-17 के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति एके गोयल की पीठ के समक्ष इस संदर्भ में याचिका का जिक्र किया। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा जारी आदेश में एमबीबीएस, बीडीएस और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के जरिए द्विचरणीय एकल संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन 1 मई और 24 जुलाई को करने की अनुमति दी गई थी लेकिन इसमें कुछ स्वाभाविक मुश्किलें पेश आ रही हैं और आदेश में कुछ बदलाव किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनईईटी के पहले चरण की 1 मई को होने वाली परीक्षा को रद्द किया जाए और सभी छात्रों को 24 जुलाई को परीक्षाएं देने दी जाएं।
एक मई को ही होगी राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा
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