ब्रिस्बेन। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे के दूसरे चरण में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने वाले हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार विरोधी एक अग्रणी वैश्विक संस्था ने कहा है कि भारत को काले धन की समस्या के उन्मूलन में आगे आकर दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए। काले धन की समस्या से सबसे ज्यादा गरीब और विकासील देश प्रभावित होते हैं।
गैरकानूनी वित्तीय प्रवाह (काला धन) के खिलाफ 150 सामाजिक संगठनों, 13 सरकारों और विशेषज्ञों वाली संस्था फिनांशियल ट्रांसपैरेंसी कोलिशन ने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन की समस्या को अपनी पहली प्राथमिकता बताई थी। संस्था ने कहा, मोदी ने चुनावों से पहले कहा था कि सत्ता में आने के बाद काले धन को वापस लाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
अब समय आ गया है कि अपने वादे को पूरा करने के लिए वह विश्व स्तर पर काम करें। संस्था की भारतीय शाखा राजधानी में डेल्हीज सेंटर फॉर बजट गवर्नेस एंड अकाउंटेबिलिटी के नाम से काम करती है। भारतीय प्रधानमंत्री तीन देशों की 10 दिवसीय यात्र पर सोमवार को नई दिल्ली से रवाना हुए हैं। वह ब्रिस्बेन में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 15 एवं 16 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में होंगे। सेंटर फॉर बजट एंड गवर्नेस अकाउंटेबिलिटी की पूजा रंगप्रसाद ने कहा कि आर्थिक सहयोग एवं विकास के लिए संस्था की बेस एरोशन एंड प्रोफिट शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के जरिए वित्तीय पारदर्शिता के क्षेत्र में प्रगति देखी गई है।