लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है आतंकवाद

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जिनेवा। आतंकवाद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा खतरा बताते हुए भारत ने आज कहा कि वह इस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित है और यहां अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) की महासभा में इससे पैदा चुनौतियों पर प्रकाश डाला जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने यहां 131वीं आईपीयू की महासभा में कहा, आतंकवाद लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और भारत इससे सबसे ज्यादा पीड़ित हुआ है.. दो टावरों पर 9/11 हमले के बारे अमेरिकी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का वैश्विक आहवान किया और पूरा विश्व इससे आश्वस्त था। इसलिए आईपीयू को वैश्विक प्रभाव वाले इस मुद्दे पर प्रकाश डालना चाहिए। सांसद आईपीयू की महासभा में बोल रहे थे जो वैश्विक संस्था के अगले अध्यक्ष की चुनाव की प्रक्रिया में है। इस पद के लिए बांग्लादेश, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया और मालदीव के संसदीय नेता दौड़ में हैं।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बंदोपाध्याय ने कहा कि लोकतंत्र को आतंक से होने वाले खतरे को वक्ताओं ने नहीं उठाया इसलिए इस पर प्रकाश डाला जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि उनके भाषण के जवाब में अध्यक्ष पद के चारों उम्मीदवारों ने कहा कि वे बंदोपाध्याय के विचारों से सहमत हैं और दुनियाभर में लोकतांत्रिक परंपराओं तथा व्यवस्थाओं के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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