नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मुद्रास्फीति को काबू में करना, वृद्धि एवं निवेश को फिर से पटरी पर लाना तथा राजकोषीय घाटे को स्वीकार्य स्तर पर रखना सरकार की प्राथमिकता है। जेटली ने कहा कि जब बीजेपी ने सत्ता संभाली, देश के समक्ष निर्णय लेने में धीमापन तथा निवेशकों का विश्वास खो जाने जैसी चुनौतियां खड़ी थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि 100 दिनों में जो निर्णय लिए गए, उनका दीर्घकालीक प्रभाव धीरे-धीरे महसूस होगा। जेटली ने कहा कि 30 साल बाद एक पार्टी की सरकार बनने से फैसले लेना आसान हुआ और अर्थव्यवस्था के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 5.7 फीसदी की विकास दर हौसला बढ़ाने वाली है।
उन्होंने कहा कि सरकार कारोबार को आसान बनाने के लिए कदम उठा रही है, महत्वपूर्ण क्षेत्रों को खोला गया है, जबकि ज्यादातर क्षेत्रों में सामाजिक क्षेत्र के व्यय को बरकरार रखते हुए निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है।