नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली और आसपास के इलाकों में फैले जहरीले धुंध में कोई कमी नहीं होने के बीच आयुर्वेद विशेषज्ञों ने एक सुझाव दिया है। उनका कहना है कि ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटी ‘जूफा’ श्वसन समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करने में प्रभावी हो सकती है। शहर में प्रदूषण के ऊंचे स्तर की वजह से काफी लोगों को बंद नाक, गले में खराश और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशांत विहार स्थित निगम के आयुर्वेद अस्पताल के प्रमुख डॉ. आरपी पाराशर ने कहा, ‘कुछ जड़ी-बूटी और मसाले हैं जो न सिर्फ फेफड़ों की सेहत का ख्याल रखते हैं बल्कि सांस संबंधी बीमारियों को भी दूर रखते हैं। जूफा, तुलसी, लौंग भृंगराज इत्यादि औषधि कफ को बाहर निकालने में मदद करती हैं। साथ ही इन औषधियों से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।’
वास्तव में हर्बल दवाओं की कंपनी एमिल फॉर्मास्यूटिकल्स ने ‘ज्यूफेक्स फोर्ट’ नाम का सिरप बनाया है जिसे प्रभावी नतीजों के लिए गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
डॉक्टरों का मानना है कि जो मरीज सूखी खांसी से परेशान हैं उनमें से अधिकतर लोग वहीं हैं जिनका वास्ता दिल्ली की खुली हवा से ज्यादा रहता है। इन्हें दोपहिया वाहनों पर नौकरी के चलते फील्ड जॉब करनी पड़ रही है।
उन्होंने चेतावनी दी, ‘अगर तीन दिन तक खांसी से आराम नहीं मिल रहा है तो लोगों को तत्काल चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए।’
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के डॉ. शांतनु कुमार बताते हैं कि इस समय दिल्ली के प्रदूषण से लोग एंटी एलर्जी के शिकार हो रहे हैं। इसमें खांसी, कफ, बुखार, सिरदर्द इत्यादि लक्षण आते हैं। अगर जल्द ही इनका उपचार नहीं किया तो ये संक्रमण में तब्दील हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘दूध या चाय में हल्दी, तुलसी, अदरक, लौंग, काली मिर्च उबालकर पीने से गले की खराश ठीक हो जाएगी और प्रदूषित कण भी शरीर से बाहर निकल जाएंगे।’
सांस लेने में दिक्कत, खांसी और गले में खराश है? बचाएगी जड़ी-बूटी ‘जूफा’, आयुर्वेद एक्सपर्ट्स ने दिया सुझाव
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