रैपिड किट से पॉजिटिव हुए एक भी मरीज की क्रॉस जांच नहीं

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नोएडा, नगर संवाददाता: रैपिड किट से पॉजिटिव हुए एक भी डेंगू मरीज की क्रॉस जांच नहीं हुई है। सिर्फ एलाइजा किट से जांचें गए नमूनों की क्रॉस जांच की गई है। अगर रैपिड किट से पॉजिटिव हुए मरीजों की भी क्रॉस जांच होती तो मरीजों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती थी। मलेरिया विभाग का कहना है कि रैपिड किट से डेंगू की पुष्टि वाले मरीजों की क्रॉस जांच नहीं हुई है, लेकिन उनके घर और आसपास दवाओं का छिड़काव कराया गया है।

जिले के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ जिला अस्पताल और शिशु अस्पताल में ही एलाइजा मशीन से जांच की सुविधा है, लेकिन यहां भी पहले रैपिड किट से मरीजों की जांच कर इलाज शुरू कर दिया जाता है। क्रॉस जांच के लिए उनके खून के नमूने लिए जाते हैं। अन्य किसी भी सरकारी अस्पताल में एलाइजा मशीन नहीं है। वहीं, बड़े निजी अस्पतालों में ही इस मशीन से जांच होती है। ज्यादातर नर्सिंग होम और क्लीनिक में रैपिड किट से मरीजों की जांच की गई। जिले में 2000 से अधिक मरीजों की रैपिड जांच से बीमारी की पुष्टि की गई है, लेकिन इन मरीजों में डेंगू की आधिकारिक पुष्टि के लिए क्रॉस जांच नहीं की गई। जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा बताते हैं कि रैपिड जांच से जिन मरीजों में बीमारी की पुष्टि हुई है, उनके घर और आसपास दवाओं का छिड़काव कराया गया है। ऐसे मरीजों की पूरी जानकारी भी ली जाती है, लेकिन इनकी एलाइजा मशीन से क्रॉस जांच नहीं की जाती। निजी अस्पतालों में एलाइजा मशीन से पॉजिटिव पाए गए मरीजों की ही क्रॉस जांच कराई गई है।
इस साल डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। अब तक जिले में 617 डेंगू मरीज मिलने की पुष्टि की गई है। इससे पहले वर्ष 2019 में सबसे अधिक 40 मरीज मिले थे। जिले में पहली बार मलेरिया के मरीजों के मुकाबले डेंगू के मरीजों की संख्या ज्यादा हुई है। मलेरिया के इस साल अब तक 102 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है, जबकि मलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज वर्ष 2014 में मिले थे। इस साल मरीजों की संख्या 600 से अधिक थी।
जिले में वर्तमान में 11 मरीजों का इलाज चल रहा है। सक्रिय मरीजों की संख्या पिछले दो सप्ताह के मुकाबले काफी कम हुई है। नवंबर के पहले सप्ताह में 56 मरीजों का इलाज चल रहा था। वहीं, नए मरीजों की संख्या में भी तेजी से गिरावट आई है। इस सीजन में डेंगू के दो मरीजों की मौत इलाज के दौरान हुई है। इसमें एक बच्चा और 32 वर्षीय युवक शामिल हैं। इस बार डेंगू पॉजिटिव होने वाले मरीजों में कई शारीरिक दुष्प्रभाव भी सामने आए हैं।