उत्तर प्रदेश, नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के सैदपुर से विधायक ने मंगलवार को सपा का दामन छोड़ पत्नी रीना पासी समेत भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। बीजेपी प्रदेश कार्यालय लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। इस मौके पर भोजपुरी सिने स्टार और महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव के कभी बेहद करीबियों में से एक रहे सुभाष पासी को समाजवादी पार्टी से बीजेपी में लाने के लिए इन दोनों ने बड़ी भूमिका निभाई है।
भारी संख्या में समर्थन मिलने का दावा
एसपी ने 2012 और 2017 में पासी को सैदपुर सीट से चुनाव लड़ाया। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। सैदपुर सीट से पासी लगातार दो बार से चुनाव जीतते आए हैं। इस सीट पर 1996 के बाद बीजेपी अपना उम्मीदवार जिताने में नाकामयाब रही है। पासी के समर्थकों की माने तो सैदपुर में करीब 30 हजार से 40 हजार ऐसे वोटर हैं जो सीधे पासी के समर्थन में वोट करेंगे। चाहे पासी किसी भी दल में हों। इसमें सभी जाति, बिरादरी के लोग शामिल हैं। बताया जाता है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पासी ने अपने क्षेत्र के लोगों की बढ़.चढ़ कर हर विषम परिस्थितियों में मदद की है।
पासी के बीजेपी में आने से नहीं पड़ेगा कोई फर्क
सैदपुर विधानसभा में एससी.एसटी मतदाताओं की संख्या 72 हजार के करीब है। वहीं कुल 82 हजार ओबीसी वोटर में से 63 हजार वोटर केवल यादव बिरादरी से हैं। एससी रिजर्व सीट होने के बाद भी इस सीट पर यादव वोटों की निर्णायक भूमिका चुनावों में रहती है। बताया जाता है कि इस सीट पर यादवों का वोट समाजवादी पार्टी के साथ ही रहता है। पिछले कुछ चुनावों में इस सीट पर एसपी और बीएसपी के बीच ही कड़ी टक्कर रही हैं। इन आकड़ों के प्रकाश में राजनीति पर बारीक नजर रखने वालों की माने तो पासी के बीजेपी में जाने से इस सीट पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पासी के बीजेपी में आने से इस सीट पर बीजेपी को लड़वाने के लिए एक स्थापित चेहरा जरूर मिल जाएगा। माना जा रहा है कि बीजेपी में आने से पहले सैदपुर सीट से 2022 का चुनाव लड़ने को लेकर पासी ने बीजेपी आलाकमान से अपनी कील.काटी दुरुस्त कर ली होगी। ऐसे में संभव है कि बीजेपी से सुभाष पासी खुद अपने लिए सैदपुर से और बगल की रिजर्व सीट जखनियां से पर अपनी पत्नी या बेटे के लिए टिकट मांग सकते हैं।
निरहुआ और कृपाशंकर ने दिया साथ
पासी को बीजेपी खेमें में लाने को लेकर भोजपुरी सिनेमा के चर्चित चेहरे दिनेश लाल यादव और मुंबई बीजेपी इकाई के वरिष्ठ नेता कृपाशंकर ने बड़ी भूमिका निभाई है। दिनेश लाल को भोजपुरी सिनेमा में स्थापित करने में सुभाष पासी ने खासी मदद की थी। सुभाष पासी भोजपुरी सिनेमा के प्रड्यूसर भी है। समय आने पर दिनेश लाल यादव ने उस मदद के बदले पासी के लिए बीजेपी जॉइन करने के लिए उनकी तगड़ी पैरवी की है।
वहीं कृपाशंकर सिंह भी सुभाष पासी की तरह ही मुंबई में पुरबियों की राजनीति करते हैं और दोनों एक दूसरे को काफी पहले से जानते हैं। दोनों एक साथ कांग्रेस पार्टी में भी रह चुके हैं। कृपाशंकर सिंह ने भी अपने अंदाज में पासी की पैरवी पार्टी फोरम पर की है। इन सबके बीच एसपी ने अपने ट्वीटर हैंडल से सुभाष पासी को पार्टी से निकाले जाने की जानकारी साझा की है।
बीजेपी में शामिल होने के बाद पासी ने मंगलवार शाम सीएम योगी आदित्यनाथ से अपने पत्नी के साथ मुलाकात की है। राजनीति हल्के में इस जॉइनिंग को लेकर इसलिए भी चर्चा है क्योंकि, बीजेपी ने एसपी के सिटींग एमएलए को अपने खेमें में जोड़ने में कामयाबी हासिल की है।
सपा विधायक सुभाष पासी को बीजेपी में लाने के सूत्रधार बने दिनेश लाल निरहुआ, अब बीजेपी को होगा यह फायदा
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