मेड़ता, राजस्थान, नागौर : मेड़ता उपखंड भर में धूमधाम से गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। जहां ‘गणपति बप्पा मोरिया’ और ‘अगले बरस तू जल्दी आना’ के जयघोष से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। बप्पा को गाजे बाजे के साथ विदाई दी। क्षेत्र के सभी गांवों में नाडी और तालाबों पर जमकर भीड़ देखी गई। इसी क्रम में मेड़ता रोड़ के ब्रह्माणी सरोवर में गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। बताया जाता है कि चूना, कले और विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनी प्रतिमाएं कई दिनों तक पानी में नहीं घुलती है और पानी भी दूषित हो जाता है। जिसके कारण इस बार धातु की प्रतिमाओं का क्रेज ज्यादा रहा। धातु की प्रतिमाओं को एक बार सरोवर में नहला कर मंदिर में पूजा के लिए रख दिया जाता है। कुरङायां के बालाजी मंदिर में स्थित गणेश प्रतिमा का रविवार को धूमधाम से विसर्जन किया गया। सुबह सवा नौ बजे हवन का आयोजन किया गया। जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच यजमानों ने हवन कुण्ड़ में हवन सामग्री के साथ गणपति का आह्वान करते हुए हवन में आहुतियां दी गई। जिसके बाद शुभ मुहूर्त के साथ दोपहर सवा दो बजे गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों से प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए रवाना किया गया। लोगों ने डीजे के साथ गांव में विभिन्न मार्गो से नृत्य करते हुए व गुलाल से खेलते हुए विसर्जन जुलूस निकाला। छतरी तालाब में पंडित गोपाल सिखवाल की ओर से गणपति की आरती के बाद गणपति का विसर्जन किया गया और मंगल कामना की गई तथा बप्पा को गाजे बाजे के साथ विदाई दी गई।
धूमधाम से गणपित प्रतिमा का किया विसर्जन
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