जौनपुर, उत्तर प्रदेश, संदीप उपाध्याय : जौनपुर जिले के बरसठी ब्लाक के पठखौली गांव की मिट्टी में पले-बढ़े किसान के बेटे का चयन इजरायल के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थान में तेल अवीव विश्वविद्यालय इज़राइल विश्वविद्यालय में पोस्ट डाक्सीनियर साइंटिस्ट रिसर्च फेलो के लिए चयन हुआ है। प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिक बन चुके किसान के बेटे ओम शंकर तिवारी ने एक ऐसी इबारत लिखी है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। उनकी इस उपलब्धि पर गांव ही नहीं जिला प्रदेश व देश को भी गौरवान्वित होने का अवसर मिला है। ओम शंकर तिवारी जिले के मड़ियाहूं तहसील के पठखौली की रहने वाले हैं। इनके चयन से माता.पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे।
ओमशंकर तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय, किसान ईण्टर कालेज रसुलहा से हाईस्कूल औऱ इण्टर करने बाद अपनी ग्रेजुएशन की शिक्षा टी.डी कालेज जौनपुर से पूर्ण करने के साथ अपनी आगे की शिक्षा को बढाने के लिए देश की सर्वोच्च शिक्षण संस्थान आईआईटी जैम दो बार फिजिक्स/कमेस्ट्री से क्वालीफिकेशन के बाद मास्टर व पी.एच.डी के लिए डॉ. ओमशंकर तिवारी स्वेच्छापूर्वक रसायन विज्ञान से एम.एससी./पी.एच.डी के लिए इसरों पुणे एशिया की टाप रिसर्च यूनिवर्सिटी को चुना. जहां भारत रत्न डॉ. सी.एन राव जी के दामाद डॉ. के.एन गणेश के सानिध्य मे अपनी आगे की शिक्षा को पूर्ण करने का गौरव प्राप्त हुआ।
वहां से पीएचडी पूर्ण करने के उपरांत डां ओमशंकर तिवारी भारत की सर्वोच्च शिक्षण संस्थान आईआईटी दिल्ली मे पोस्टडॉक्टोरल वैज्ञानिक के रूप मे 2020 से 2021 तक रिसर्च का कार्य कर रहे थे। आज वो तेलाविव अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय इजराइल के प्रस्थान कर चुके है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा स्व पं छविनाथ तिवारी व चाचा धर्मेंद्र तिवारी को दिया है। पिता राजेंद्र प्रसाद तिवारी किसान है, ओमशंकर तिवारी अपने भाईयो मे सबसे बडे है. दूसरे नंबर के भाई हरिओम तिवारी बी टेक इंजीनियर है, सबसे छोटे भाई शुभम तिवारी वर्तमान मे अपने गांव से क्षेत्र पंचायत सदस्य है, उनके चाचा डा धर्मेंद्र तिवारी ईण्डोनेशिया मे केमिकल कम्पनी के मैनेजर है।
जौनपुर के किसान का बेटा बना युवा वैज्ञानिक
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