नई दिल्ली, नगर संवाददाता : पूर्वी दिल्ली के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल नें डी.डी.ए.उपाध्यक्ष अनुराग जैन से मुलाकात की और उन्हें मास्टर प्लान से संबंधित अपने सुझाव दिये। श्री अग्रवाल ने कहा कि अनधिकृत नियमित कॉलोनियों में 32 मीटर से छोटे प्लॉट का नक्शा पास नहीं होता जिसके कारण लोग अवैध निर्माण करते हैं और ऐसे निर्माण कार्य लगातार जारी रहते हैं। इसके बदले निगम के कर्मचारी दिन-प्रतिदिन भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं और उनकी मिलीभगत से अवैध मकान बनते रहते हैं। इसलिए प्लॉट का साइज कोई भी हो, सभी का नक्शा पास होना चाहिए ताकि अवैध निर्माण रूके और निगम को राजस्व मिले।
उन्होंने आगे बताया कि बिल्डिंग बाय-लॉज के अनुसार यदि किसी प्लॉट का विभाजन 30.जून .1977 से पहले का है तो ही उसका नक्शा पास होता है। यदि इसके बाद का है तो वह नक्शा पास नहीं होता। नक्शा पास कराने वाला व्यक्ति मजबूरी में 1977 से पहले का नकली पेपर लगाता है और नक्शा पास करवाता है या फिर अवैध निर्माण करता है। अवैध निर्माण में बिल्डिंग विभाग के अधिकारी संलिप्त रहते हैं। मकान बनाने वाला जो भी व्यक्ति इन्हें पैसा नहीं देता वे उसका बिल्डिंग बुक कर देते हैं जिसके कारण इनका बिजली, पानी का कनेक्शन नहीं लग पाता है और उनके लिए जिंदगी भर परेशानी का सबब बन जाता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि मास्टर प्लान-2021 में रिहायशी क्षेत्रों में मीट की दुकानें खोलने की अनुमति होने की वजह से दिल्ली में छोटी-छोटी गलियों में भी मीट की दुकानें खोल दी गयी। इन दुकानों के कारण होने वाली बदबू से स्थानीय लोगों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता है जिसकी शिकायत क्षेत्रीय निगम पार्षदों को मिलती रहती है और उनके उपर जनता का काफी दबाव रहता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि निगम पार्षद रहते हुए उन्होंने पूर्वी दिल्ली नगर निगम की साधारण सभा में 27.अक्टूबर.2020 को एक प्रस्ताव लगाया था कि रिहायशी क्षेत्रों से मीट की दुकानों को हटाया जाए जोकि सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
श्री अग्रवाल ने सुझाव दिया कि मीट की दुकानों को सिर्फ कमर्शियल सड़कों पर ही खोलने की इजाजत दी जानी चाहिए। चूंकि दिल्ली की जनता के सुझावों को मद्देनजर रखते हुए अब मास्टर-प्लान 2041 लागू किये जाने की तैयारी चल रही है जिसमें इस प्रस्ताव को भी शामिल किया जा सकता है। अतः आपसे अनुरोध है कि मास्टर प्लान-2041 में इस प्रस्ताव को शामिल करते हुए रिहायशी क्षेत्रों में मीट की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दिया जाए जिससे रिहायशी क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को भविष्य में कोई परेशानी न हो। इस विषय में माननीय उप-राज्यपाल महोदय को भी पत्र द्वारा अवगत कराया जा चुका है। श्री अग्रवाल ने उम्मीद जतायी है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण जनहित से संबंधित इन सभी प्रस्तावों पर विचार करते हुए मास्टर-प्लान 2041 में संशोधन हेतु यथोचित निर्देश जारी करेगा।