ट्वीट पर दिल्ली महिला आयोग ने झारखंड की नाबालिग को मुक्त कराया

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली महिला आयोग ने चन्ना मार्केट, करोल बाग स्थित एक घर से झारखंड की 16 वर्षीय लड़की को मुक्त कराया है। नाबालिग वहां चार महीने से काम कर रही थी। झारखंड के गुमला पालकोट इलाके की रहने वाली 16 वर्षीय इस लड़की की मदद के लिए झारखंड के एक यूजर ने ट्वीट करते हुए दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली व झारखंड पुलिस को टैग करते हुए मदद मांगी थी।

आयोग के अनुसार, चन्ना मार्केट से मुक्त कराई गई लड़की ने बताया कि उसे उसके गांव से काम दिलाने के बहाने दिल्ली लाया गया था। उसका फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया गया और साथ ही बताया गया कि कोई भी उससे उसकी उम्र पूछे तो वह 18 वर्ष बताए। लड़की पिछले चार महीने से करोल बाग के इस घर में काम कर रही थी। इससे पहले उसने एक और घर में चार महीने तक काम किया था।

लड़की ने बताया कि वह वापस अपने घर जाना चाहती है। आयोग की टीम ने नाबालिग को बाल कल्याण समिति के सामने पेश करवाने के बाद आश्रयगृह में रखवाया है। दिल्ली महिला आयोग ने इस बात का भी संज्ञान लिया है कि नाबालिग का फर्जी आधार कार्ड कैसे बनाया गया।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि झारखंड, उड़ीसा और अन्य राज्यों से बच्चों को बड़े स्तर पर प्लेसमेंट एजेंसियां अच्छे काम और अच्छी तनख्वाह का लालच देकर दिल्ली लाती हैं और यहां बुरा हालात में बिना वेतन या बहुत कम पगार पर घरों में काम पर लगा दिया जाता है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी टीम 24 घंटे सातों दिन ट्विटर पर सक्रिय रहती है और उसके प्रयास से बच्चियों को बचाना संभव हो पा रहा है.

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