ग्रेटर नोएडा, नगर संवाददाता: दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात को गोहत्या की सूचना पर अखलाख की पीटकर हत्या और उसके बेटे को अधमरा करने के मामले में गुरुवार को कोर्ट में गवाही होनी थी। लेकिन, समन नहीं मिलने की वजह से अखलाख की बेटी शाहिस्ता अदालत नहीं पहुंच सकी। अदालत ने अगली तारीख 12 अप्रैल की दी है। इस मामले में 12 लोगों पर आरोप तय किया गया है।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता युसूफ सैफी ने बताया कि गुरुवार को गवाही की तारीख सुनिश्चित की गई थी लेकिन उनके मुवक्किल के पास समन नहीं पहुंच सका जिसके चलते शाहिस्ता गवाही देने अदालत नहीं आ सकी। अदालत ने अगली तारीख 12 अप्रैल दी है। अधिवक्ता ने बताया कि अखलाख की हत्या के मामले में बिसाहड़ा गांव के रहने वाले रूपेंद्र, विवेक, हरिओम, विशाल, संदीप, विनय, श्रीओम, हरिओम कुमार, सौरभ, गौरव, अरुण और शिवम के खिलाफ 25 फरवरी को आरोप तय किए गए थे। वहीं, सरकारी गवाह रहे तत्कालीन जारचा कोतवाली प्रभारी सुबोध सिंह की बुलंदशहर में हत्या हो चुकी है। एक आरोपी रविंद्र की जेल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।
जारचा कोतवाली क्षेत्र के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की सूचना पर हिंसा भड़क गई थी। गांव के मंदिर से लाउडस्पीकर के माध्यम से गोहत्या की सूचना प्रसारित की गई थी जिसके बाद इकट्ठा हुई भीड़ नहीं अखलाख के घर पर हमला बोला था। भीड़ ने पीटकर अखलाख की हत्या कर दी थी। बीचबचाव करने पर उसके बेटे दानिश को पीटकर अधमरा कर दिया गया था।