लखनऊ, नगर संवाददाता: उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे लव जिहाद के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद महिलाओं को ढाल बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी में है। इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण होगा। प्रशिक्षण देने के लिए विहिप मातृशक्ति से जुड़ी बहनों को गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला भेज कर लव जिहाद रोकने के लिए मुहिम शुरू करेगी।
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री अंबरीश सिंह ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में बताया कि लव जिहाद एक बहुत बड़ी समस्या है। योजनापूर्ण तरीके से हिन्दू बहन-बेटियों को बहला फुसलाकर इस ओर ढकेला जा रहा है। इससे बचाने के लिए हमारे महिला संगठन जैसे दुर्गावाहिनी समाज को जन-जागरण करेगी। उन्होंने बताया इसके जरिए हमारे यहां चलने वाले प्रशिक्षण में लोगों को इस बारे में जानकारी दी जाती है। इस विषय को लेकर तथ्यों के आधार पर समाज में जागरण, परिवार में संपर्क, अभिभावकों के बीच में गोष्ठियां होंगी। ऐसे जागरण के कार्यक्रम किये जाएंगे, जिसमें इस प्रमुख विषय को बताया जाएगा।
अंबरीश ने बताया कि संस्कार की मजबूती, परिवार भूमिका पुर्नस्थापन और समाज जागरण जैसे विषयों को लेकर समाज के बीच में लोगों को जाग्रत करेंगे। इस बार चैत्र वर्ष प्रतिपदा रामनवमी पर प्रत्येक गांव में रामजन्मोत्सव के कार्यक्रम के दौरान बहनों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस विषय को प्रमुखता से रखा जाएगा। इसके अलावा मई में दुर्गावाहिनी के प्रशिक्षण में भी सही ढंग से समझाया जाएगा। संगठन का तंत्र प्रत्येक गांव तक पहुंचाया जाए। इसके लिए विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण दिया जाए।
उन्होंने बताया कि लव जिहाद बने कानून के बारे में समाज को जागृत किया जाएगा। इस कानून का समाज उपयोग करे। अभी तक जो घटनाएं हुई हैं, उसे समाज में लाना ठीक नहीं है। लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में घटनाएं बढ़ी हैं। कोरोना के कारण अभी तक गतिविधियां ठप थी। आप कुछ मामला ठीक हुआ है। इसी कारण इस अभियान को तेजी से बढ़ाया जाएगा।
ज्ञात हो कि प्रयागराज के माघ मेला स्थित विहिप शिविर में हुई बैठक में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए विहिप पदाधिकारियों का जोर रहा कि मातृशक्ति की बहनों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि प्रशिक्षण पाने के बाद वह समाज में जाकर लड़कियों और युवतियों को लव जिहाद के खिलाफ जागरूक करें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए लाया गया धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 विधानसभा और विधान परिषद में पारित हो गया। हालांकि इसके बाद इसे राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा फिर यह कानून बनेगा। 28 नवंबर, 2020 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश जारी किया था। इस कानून के जरिए सूबे में छल-कपट अथवा जबरन कराए गए धर्मातरण के मामलों में एक से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही धर्मातरण करने के लिए साठ दिन पूर्व जिलाधिकारी अथवा संबंधित अपर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तय प्रारूप के तहत आवेदन करना भी अनिवार्य है।