नई दिल्ली, नगर संवाददाता: उच्च्चतम न्यायालय ने भारत में एक ‘‘विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय’’ स्थापित करने का अनुरोध करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की जनहित याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने गैर सरकारी संगठन बनमाली दास वेलफेयर ऐंड डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इस तरह के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा, ‘‘दुनिया में ऐसी कई सारी चीजें विश्वस्तरीय हैं, जो भारत में नहीं हैं। शिक्षा मंत्रालय के पास जाइए। याचिका खारिज की जाती है।’’ एनजीओ की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि भारत में एक भी विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय नहीं है और केंद्र विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए कर्तव्यबद्ध है।
न्यायालय ने भारत में विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय की मांग वाली याचिका खारिज की
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