नई दिल्ली, नगर संवाददाता: सरिता विहार के जी पॉकेट में गुरुवार दोपहर मरम्मत के दौरान एक मकान का छज्जा अचानक ढह गया। इसकी चपेट में आकर यहां काम कर रहे तीन मजदूर मलबे में दब गए। सूचना पर पहुंची सरिता विहार थाना पुलिस ने दो मजदूरों को बाहर निकाल लिया, जबकि एक मजदूर मलबे में ही फंस गया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ और फायर सर्विस की टीम ने युवक को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। फिलहाल पुलिस ने लापरवाही की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीणा ने बताया कि हरीश रौतेला परिवार के साथ सरिता विहार जी पॉकेट के फ्लैट नम्बर 168 में रहते हैं। करीब दो माह पहले उन्होंने फ्लैट की बालकनी पर निकले छज्जे पर निर्माण कार्य कराते हुए वहां दीवार बना दी थी। उसी दीवार पर ग्रिल और दरवाजा लगाने का काम हो रहा था, जबकि एक मजदूर दीवार पर पेंट कर रहा था। इसी दौरान अचानक से दीवार और छज्जा ढह गया। इससे नीचे ग्रिल की वेल्डिंग का काम कर रहे धर्मवीर और उसका भांजा शुभम् तथा पेंट कर रहा मजदूर खलील मलबे में दब गए।
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने खलील और शुभम को बाहर निकाल लिया। लेकिन धर्मवीर मलबे के बीच में फंस गया और छज्जे के लेंटर के नीचे दब गया। इसके लिए पहले दिल्ली फायर सर्विस की टीम को बुलाया गया, लेकिन सफलता न मिलने पर एनडीआरएफ टीम को सूचित किया गया। 1ः30 बजे एनडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और 3 बजे टीम ने युवक को मलबे से बाहर निकाल लिया। युवक को आनन फानन में एम्स अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मजदूरों के दबने की सूचना जैसे ही परिजनों को मिली सभी बिलखते हुए घटना स्थल पर पहुंच गए। घटनास्थल को पुलिस ने फीता लगाकर बंद कर दिया था। इसके चलते परिजन दूर से ही चीखते चिल्लाते रहे। इस दौरान इमारत के दूसरी तरफ से मलबे में दबे मजदूर का एक हाथ बाहर निकला हुआ दिखाई दे रहा था। इसे देखते ही परिजन बेकाबू हो गए और उन्होंने वहां खड़े मीडियाकर्मियों पर भी हमला कर दिया।