परीक्षा परिणाम में देरी के चलते दाखिले लेने से वंचित रह गए छात्र

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नई दिल्ली, नगर संवाददाता: कोरोना के मद्देनजर डीयू द्वारा स्नातक पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम की घोषणा में देरी के चलते प्रवेश परीक्षा में सफल होने के बाद भी जेएनयू में तीन छात्रों को दाखिला नहीं मिला। तीनों छात्रों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।

जस्टिस प्रतीक जालान के समक्ष छात्रों की ओर से अधिवक्ता कवलप्रीत कौर और हैदर अली ने कहा है कि डीयू द्वारा स्नातक के परीक्षा परिणाम की घोषणा में देरी के कारण जेएनयू प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक होने के बावजूद उन्हें दाखिला नहीं दे रहा है। इस पर जेएनयू ने न्यायालय को बताया कि कई पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला अभी भी जारी हैं और छात्रों द्वारा आवेदन किए गए पाठ्यक्रम में यदि सीट की उपलब्धता होगी और वे योग्य हैं तो विश्वविद्यालय उनके आवेदन पर नरमी से विचार करेगा। जेएनयू की ओर से अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने यह दलील दी।

दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी (ऑनर्स) और राजनीतिशास्त्र (ऑनर्स) के स्नातक के तीन छात्र अपने-अपने विषय में जेएनयू में एमए में दाखिला लेना चाहते हैं। छात्रों की ओर से से अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किलों ने जेएनयू की प्रवेश परीक्षा दी थी और विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए जारी पहली सूची में तय अंकों से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं। जेएनयू ने तीन मार्च, 2020 को शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए ई-प्रॉस्पेक्टस प्रकाशित किया था और उसमें विस्तार से दाखिले की प्रक्रिया बताई थी।

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