नोएडा, नगर संवाददाता: जिले की दमघोंटू हवा ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व प्रशासनिक अमले की नाक में दम कर दिया है। तमाम प्रयास के बावजूद वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली, तो लोगों को वायु प्रदूषण से मामूली राहत मिली, हालांकि हवा अभी भी बेहद खराब बनी हुई है। यह हृदय, फेफड़े, त्वचा, आंख, बाल आदि के लिए हानिकारक है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शाम 4 बजे तक नोएडा 386 एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) के साथ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे स्थान पर रहा, जबकि ग्रेटर नोएडा 376 एक्यूआइ के साथ पांचवे स्थान पर पहुंच गया है। बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा 448 एक्यूआइ के साथ वायु प्रदूषण के मामले में अव्वल था। हवा में मौजूद (पार्टिकुलेट मैटर) पीएम- 2.5 और पीएम-10 के साथ कार्बन मोनो आक्साइड, सल्फर-डाई-आक्साइड, नाइट्रोजन आदि गैसें भी वातावरण में स्थिर हो गई है। इनसे आंखों में जलन व त्वचा रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
बता दें कि शुक्रवार को ग्वालियर 400 एक्यूआइ के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दूसरे स्थान पर 391 एक्यूआइ के साथ गाजियाबाद ने जगह बनाई।
पीएम-2.5 में आई तीन फीसद कमी
शुक्रवार को तेज हवा चलने से पीएम-2.5 का औसतन स्तर 382 रहा। हालांकि तय मानक 40 माइक्रोग्राम/ मीटर क्यूब से यह अभी करीब 10 गुना अधिक हैं। बृहस्पतिवार को यह 13 गुना था। पीएम-10 का औसतन स्तर 303 तय मानक 60 माइक्रोग्राम/ मीटर क्यूब के अनुसार पांच गुना ज्यादा रहा। साथ ही बृहस्पतिवार के मुकाबले इसमें तीन गुना कमी भी दर्ज हुई। बर्फीली हवाओं से बढ़ी ठिठुरन
शुक्रवार को चली तेज हवा से ठंडक महसूस की गई। न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से तीन डिग्री कम था। मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि 26 से 28 दिसंबर के बीच पहाड़ों में बर्फबारी होने की संभावना है। इससे शीतलहर बढ़ेगी और प्रदूषण में भी कमी आ सकती है। बच्चे, बूढ़े, रोगी घर में ही रहें
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विकास कुमार का कहना है कि प्रदूषण के साथ ही शीतलहर से भी बचाव जरूरी है। ठंड में हृदय व फेफड़े संबंधी रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में उन्होंने बुजुर्गों व बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी। इनका कहना है कि बुजुर्ग घर पर रहकर ही व्यायाम करें। अभिभावक बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें।