नई दिल्ली, नगर संवाददाता: पति से कहासुनी होने पर गुस्से में महिला ने उस पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया। गुस्सा शांत होने पर महिला को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उसने पति से सुलह कर लिया। महिला ने झूठे मुकदमे के लिए उच्च न्यायालय से माफी मांगी जिसके बाद न्यायालय ने दुष्कर्म का मुकदमा रद्द कर दिया।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने पति के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने पर महिला को फटकार लगाई। महिला ने न्यायालय को बताया कि पति से झगड़ा होने के बाद गुस्से में उसने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया था। महिला ने कहा कि यदि यह मुकदमा रद्द नहीं किया गया तो उसका वैवाहिक जीवन बर्बाद हो जाएगा। उच्च न्यायालय ने महिला को माफ करते हुए उसके पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की गलती के लिए क्षमा नहीं किया जा सकता, लेकिन महिला ने बिना शर्त माफी मांग ली है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि महिला का पति अपनी बेहतरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेता रहता है। ऐसे में यदि मुकदमे को रद्द नहीं किया गया तो उसके कॅरियर पर भी असर होगा। महिला ने पति के खिलाफ अगस्त माह में मुकदमा दर्ज कराया था।